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Coronavirus: सीएम आपात कोष में योगदान दें कंपनियां, बंगाल के वित्तमंत्री ने केंद्र से मांगी अनुमति

पश्चिम बंगाल ने विशेष रूप से कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के उद्देश्य से सीएम के राहत कोष के अंतर्गत एक राज्य आपातकालीन निधि की स्थापना की है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 05:59 PM (IST)
Coronavirus: सीएम आपात कोष में योगदान दें कंपनियां, बंगाल के वित्तमंत्री ने केंद्र से मांगी अनुमति

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि अपने सीएसआर मद से कंपनियों को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए राज्य द्वारा बनाए गए आपातकालीन कोष में योगदान करने की अनुमति दें। मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया मुद्दे पर पत्र दिया। पश्चिम बंगाल ने विशेष रूप से कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के उद्देश्य से सीएम के राहत कोष के अंतर्गत एक राज्य आपातकालीन निधि की स्थापना की है। 

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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक परिपत्र का उल्लेख करते हुए मित्रा ने कहा कि कोविड-19 के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फंड "सीएसआर गतिविधि" के रूप में माना जाता है। मित्रा ने हालांकि यह भी कहा कि एक अन्य मंत्रालय के परिपत्र के संबंध में भ्रम की स्थिति है जो सीएम के राहत कोष में योगदान या महामारी के लिए राज्य द्वारा विशेष रूप से बनाई गई निधि सीएसआर गतिविधि के रूप में योग्य नहीं है।

आइपैक ने 'सबकी रसोई' पहल के तहत 16.5 लाख बेसहारा लोगों को मुहैया कराया भोजन

जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन को देखते हुए प्रसिद्ध राजनीतिक सलाहकार कंपनी 'आइपैक' भी समाज के सबसे निचले पायदान के लोगों को संकट की इस घड़ी में बढ़-चढ़कर भोजन उपलब्ध करा रही है। कंपनी का दावा है कि 'सबकी रसोई' पहल के तहत आइपैक पिछले 11 दिनों में बुधवार तक देश के 19 राज्यों के 33 शहरों में 16.5 लाख से ज्यादा बेघर व प्रवासी मजदूरों को ताजे पके हुए भोजन मुहैया करा चुकी है। सबकी रसोई पहल 5 अप्रैल को देश के 17 शहरों में 38 किचन पार्टनर और 54 जमीनी स्तर के फीडिंग पार्टनर के सहयोग से जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। 

आइपैक की ओर से एक बयान में कहा गया कि शुरुआत के 4 दिनों के भीतर ही देशभर में 5 लाख लोगों को भोजन मुहैया कराया गया। ‌लोगों की ओर से भोजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर इस वर्चुअल रसोई के संचालन को 33 शहरों तक बढ़ाया गया, जिसमें 40 किचन पार्टनर और 131 जमीनी स्तर के फीडिंग पार्टनर्स के सहयोग से अगले 3 दिनों में 10 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने में सफलता मिली।

बुधवार को इसका पहला चरण समाप्त हुआ, जिसमें  पिछले 11 दिनों में देश के 19 राज्यों के 33 शहरों में बेघर हुए प्रवासी मज़दूरों को सबकी रसोई के माध्यम से लगभग 16.5 लाख लोगों को ताजा भोजन प्रदान करने का दावा किया गया है। कुल मिलाकर सबकी रसोई इस समय देश भर में 78 किचन पार्टनर्स, 185 फीडिंग पार्टनर्स और 2 डिलीवरी पार्टनर्स (स्विगी और जोमाटो) के साथ मिलकर लोगों तक भोजन पहुंचा रही है। आइपैक का कहना है कि आगे भी भोजन वितरण का यह सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि आइपैक के कर्ता-धर्ता प्रसिद्ध चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हैं।


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