West Bengal :अभिजीत बनर्जी ने कहा- ममता सरकार की कई योजनाएं दिलचस्प हैं
अभिजीत बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता द्वारा चलाई गई कई योजनाएं दिलचस्प है इस पर अध्ययन करने के बाद ही मुख्यमंत्री ममता संग काम करने के प्रस्ताव पर विचार करेंगे
कोलकाता, जागरण संवाददाता। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी द्वारा चलाई गई कई योजनाएं दिलचस्प है और इस पर गहन अध्ययन करने के बाद ही मुख्यमंत्री संग काम करने के प्रस्ताव पर विचार करेंगे।
मंगलवार को अभिजीत विनायक बनर्जी अपनी मां निर्मला बनर्जी संग राज्य सचिवालय नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुझे मौके दे रही हैं। मैं काम करने की कोशिश करूंगा, देखते हैं कि क्या किया जा सकता है।
यहां अवसरों की कोई कमी नहीं है। मैं यहां राज्य द्वारा चलाई जा रही दिलचस्प योजनाओं के बारे में जानने आया था। अब मैं इन योजनाओं पर अध्ययन करूंगा। इस दौरान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी से संबंधित प्रश्न पूछ जाने पर उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया।
भारत पर मुसलमानों के कब्जे का डर नहीं
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत पर मुसलमानों का कब्जा हो जाने जैसा कोई डर ही नहीं है। मंगलवार को टाटा स्टील कोलकाता साहित्य उत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा-'भारत और अमेरिका एक मामले में बहुत हद तक एक समान हैं। वहां अल्पसंख्यक वास्तव में अल्पसंख्यक हैं। वे इन दोनों देशों में हावी हो जाने की स्थिति में नहीं हैं।
सत्तारूढ़ दल के एक किनारे से मुसलमानों की जनसांख्यिकी को लेकर जो कहा जाता है, वो दरअसल उस आबादी को खलनायक बनाने जैसा है। अफ्रीकी अमेरिकी और अमेरिका में रहने वाले मैक्सिन के बारे में यह कहा जा सकता है कि वे सभी अल्पसंख्यकों का एक समूह हैं। वे आर्थिक और शिक्षा के मामले में पर वंचित हैं और छोटे समूह हैं। उन समूहों के शक्तिशाली बन जाने को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वो यहां वास्तविक नजर नहीं आ रही है। एक कहानी गढ़ी जा रही है लेकिन इसका कोई आधार नहीं है।
बनर्जी ने कहा कि भारत में राज्य सरकारें संवेदनशील चीजों के प्रति सक्रिय रही हैं। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब हमारे संगठन अब्दुल लतीफ जमील प्रोवर्टी एक्शन लैब (जे-पाल) ने वहां उनकी सरकार के साथ काम किया था।