वसुंधरा राजे की चुप्पी खत्म होने का इतजार, हनुमान बेनीवाल ने लगाया कांग्रेस सरकार को बचाने का आरोप
सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को वसुंधरा राजे पर कांग्रेस की सरकार बचाने में मदद करने का आरोप लगा दिया।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। राजस्थान की सियासी जंग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी खत्म होने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। इतने बड़े सियासी घटनाक्रम पर उनका एक ट्वीट तक नहीं आना लोगों को आश्चर्य में डाल रहा है। वहीं जयपुर में उनके आगमन की तारीख टलती जा रही है। इस बीच, राजस्थान और केंद्र में भाजपा का समर्थन कर रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को वसुंधरा राजे पर कांग्रेस की सरकार बचाने में मदद करने का आरोप लगा दिया। हालांकि गहरी चुप्पी के बीच राजे के दो नजदीकी विधायकों का एक बयान जरूर आया है, जिसमें सचिन पायलट की ओर से दिए गए एक बयान पर आपत्ति की गई है और पायलट को एक जिम्मेदार नेता की तरह आचरण करने की सलाह दी गई है।
कांग्रेस में बगावत पर नहीं आया कोई बयान
वसुंधरा राजे आखिरी बार जयपुर में सार्वजनिक तौर पर भाजपा की जनसंवाद वर्चुअल रैलियों के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली में दिखाई दी थीं। इसके बाद से वे सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आई हैं और लंबे समय से अपने गृह नगर धौलपुर में हैं। राजस्थान में कांग्रेस में इतनी बड़ी बगावत पर उनकी ओर से अभी तक न कोई सार्वजनिक बयान दिया गया है और न ही कोई ट्वीट किया गया है। हालांकि उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट हो रहे हैं लेकिन ये श्रद्धांजलि अथवा अन्य सामान्य विषयों पर हैं। सियासी संकट पर कोई ट्वीट नहीं है, जबकि इससे पहले कई मौकों पर राजे राज्य की कांग्रेस सरकार की खुलकर आलोचना करती रही हैं। वहीं उनके जयपुर आने का मामला भी टलता जा रहा है। पार्टी नेताओं ने कहा था कि वे गुरुवार को भी धौलपुर ही थीं। उनके जयपुर जाने के बारे में कोई सूचना नहीं है।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजे की भूमिका हुई सीमित
पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनकी चुप्पी के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। कुछ का मानना है कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि पार्टी आलाकमान की तरफ से उन्हें कहा जाए तो वे इस मामले में कुछ पहल करें। वहीं कुछ यह भी मान रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजस्थान में जिस तरह उनकी भूमिका को सीमित किया गया, उसी के चलते राजे इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
वहीं एक कारण यह भी माना जा रहा है कि राजे को मिले हुए सरकारी निवास के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद मौजूदा सरकार ने इसे खाली कराने की पहल नहीं की। राजे भी इस मामले में चुप हैं लेकिन इस पर सचिन पायलट ने कहा था कि गहलोत राजे की मदद कर रहे हैं। उनके बयान पर राजे के दो नजदीकी विधायकों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और प्रताप सिंह सिंघवी की ओर से एक बयान जारी किया गया है।
इसमें कहा गया है कि राजे का सरकारी आवास उन्हें एक वरिष्ठ विधायक के रूप में आवंटित है। उनके आवास के आवंटन को मदद बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। बयान में पायलट को सलाह दी गई है कि वे अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से पार्टी में पैदा हुए अंतरकलह में फंसकर हताशा में बेसिर पैर की बातें करने के बजाय एक जिम्मेदार राजनेता की तरह आचरण करें।
बेनीवाल ने भी लगाए राजे पर आरोप
इस बीच राजस्थान में भाजपा का समर्थन कर रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। राजे द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को इस बारे में फोन किए गए हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने यहां तक कहा है कि राजे ने कांग्रेस में सीकर व नागौर जिले के एक-एक जाट विधायक से बात कर सचिन पायलट से दूरी बनाने को कहा है। जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में बेनीवाल भाजपा को समर्थन भले ही दे रहे हैं लेकिन राजे के खिलाफ वे अक्सर बयान देते रहे हैं।