यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा- सेवा कार्यों से सरकार डर गई, इसलिए मुझे जेल भेजा
फर्जी बसों के विवाद में जेल भेजे गए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जमानत पर रिहा होते ही सरकार से फिर मोर्चा लेने का एलान कर दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। फर्जी बसों के विवाद में जेल भेजे गए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जमानत पर रिहा होते ही सरकार से फिर मोर्चा लेने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सेवा कार्यों से सरकार डर गई थी, इसलिए मुझे जेल भेजा। अब और अधिक और मजबूत लड़ाई का संकल्प लेकर लौटा हूं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि मुझे जेल में भी यातनाएं देने का प्रयास किया। आम कैदियों की तरह जेल की सफाई कराई, लाइन में लगकर खाना लेना पड़ा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा की गरीब विरोधी मानसिकता साफ हो गई है। मजदूरों की सेवा करने, उन्हें सुरक्षित लाने की पहल करने पर जेल भेजा जाता है। फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाते हैं लेकिन, भाजपा देश विरोधी, गरीब-मजदूर विरोधी नीतियों और तानाशाही के दम पर हमारा सेवा कार्य नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी के सिपाही हैं। न झुके हैं न झुकेंगे, न डरे हैं न डरेंगे। लल्लू ने कहा कि जेल के अंदर मुझे यही चिंता थी कि गरीब मजदूर पैदल चल रहे होंगे। उन्हें भोजन-दवा किसी ने पहुंचाई होगी या नहीं। उन्होंने कहा कि वह गौरवान्वित हैं कि राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेसी गरीबों की सेवा करते रहे।
प्रेस कांफ्रेंस से पूर्व कांग्रेस पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ दो मिनट का मौन रख लद्दाख में शहीद हुए वीर जवानों को याद कर श्रद्धांजलि व्यक्त किया।
वीर शहीदों के बलिदान को कोटि - कोटि नमन। pic.twitter.com/BkrKTFR2Yh— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 18, 2020
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उन्होंने जेल से जनता के नाम एक पत्र लिखना चाहा लेकिन, यह कहकर मना कर दिया गया कि जेल मैन्युअल के खिलाफ है। हैरत की बात है कि एक विधायक जनता के लिए एक पत्र सरकार को नहीं लिख सकता। सीमा पर शहीद हुए जवानों के लिए मौन रखने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाया। कहा कि लद्दाख की घटना पर प्रधानमंत्री 36 घंटे चुप क्यों रहें?