UP Assembly Winter session : नेता प्रतिपक्ष को पुलिस की नोटिस पर बिफरे सपाई, सरकार पर लगाया तानाशाही का आरोप
UP Assembly Winter session विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन को पुलिस की नोटिस से नाराज सपा सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में तीसरे दिन भी प्रश्नकाल स्थगित रहा।
लखनऊ, जेएनएन। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन को पुलिस की ओर से दी गई नोटिस से नाराज समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में तीसरे दिन भी प्रश्नकाल स्थगित रहा। अहमद हसन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सपा ने गुरुवार को शांतिपूर्वक धरने का एलान किया था लेकिन सरकार ने स्कूल-कॉलेज तक बंद करा दिए। सपाइयों को घर से निकलने तक नहीं दिया। समझ में नहीं आ रहा है कि हम प्रजातंत्र में जी रहे हैं या तानाशाही में।
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अहमद हसन ने कहा कि आज सुबह मेरे इलाके का पुलिस चौकी इंचार्ज घर आया और उसने मुझे धारा-144 की नोटिस दी जिसे सदन में पढ़ने पर भी मुझे शर्म आ रही है। उन्होंने बताया कि चौकी इंचार्ज ने उनसे कहा कि लखनऊ में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू है। यदि आपने इसका उल्लंघन किया तो कानूनी कार्रावाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं रिटायर्ड आइपीएस अफसर हूं। पुलिस सेवा में रहते मुझे राष्ट्रपति की ओर से वीरता पदक और उप्र सरकार की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अवार्ड मिल चुका है। कई डीजीपी अपने सेवाकाल के दौरान मेरे जूनियर रह चुके हैं। अभी तक लोगों की सुरक्षा खतरे में थी, अब जनप्रतिनिधियों का सम्मान खतरे में है।
जवाब में नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अयोध्या मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को एक पुलिस कांस्टेबल नोटिस देने गया था। कल्याण सिंह ने उसे बैठाया, चाय पिलाई, नोटिस ली और ससम्मान विदा किया। कहा कि जब वह लखनऊ के महापौर थे तो एक चपरासी उन्हें नोटिस देने आया था। उन्होंने कहा कि चौकी इंचार्ज ने नेता प्रतिपक्ष को नोटिस देकर अपना फर्ज निभाया है। इसमें उन्हें कोई एतराज नहीं होना चाहिए। इस पर सपा के सदस्यों ने कहा कि कल्याण सिंह तो अयोध्या केस में मुजरिम थे, इसलिए उन्हें नोटिस दी गई। सपा के सदस्य अधिष्ठाता के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर अधिष्ठाता ने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और फिर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अहमद हसन ने कहा कि पूरा प्रदेश छावनी में तब्दील हो चुका है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे सपाइयों पर पुलिस बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर रही है। उन्होंने अधिष्ठाता से इस बारे में निर्देश देने की मांग की। इस बीच सपा के सदस्य फिर नारेबाजी करने लगे और सदन की कार्यवाही दोपहर डेढ़ बजे तक स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर सपा के राजपाल कश्यप ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में अघोषित इमर्जेंसी लागू कर दी है। नेता प्रतिपक्ष को नोटिस देकर धमकाया जा रहा है।