केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले बोले- 17 जातियों के लिए एससी का बढ़ाएं कोटा
केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एससी के आरक्षण के तय 21 फीसद कोटा को और बढ़ाया जाए ताकि एससी में पहले से शामिल जातियों को नुकसान न हो।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल 17 जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल किए जाने पर एससी के आरक्षण के तय 21 फीसद कोटा को और बढ़ाया जाए, ताकि एससी में पहले से शामिल जातियों को नुकसान न हो। यह बात केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने शनिवार को पत्रकारों से कही। अठावले ने कहा कि दूसरा विकल्प यह भी हो सकता है कि ओबीसी के 27 फीसद आरक्षण कोटे में से पांच फीसद की कटौती कर इनकी स्पेशल कैटेगरी बनाकर अलग से आरक्षण का लाभ दिया जाए।
राजधानी लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री व आरपीआइ (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अठावले ने कहा कि 17 जातियों को ओबीसी से हटाया जा रहा है तो उनके ही आरक्षण कोटे में कटौती किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि अभी एक्सपर्ट कमेटी इस पर निर्णय लेगी। फिर मेरे मंत्रालय द्वारा बिल तैयार किया जाएगा। उस समय मैं एससी कैटेगरी में पहले से शामिल जातियों के साथ अन्याय न हो इसका पूरा ख्याल रखूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई मुलाकात की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरा मामला उन्हें पहले से पता नहीं था, इसलिए इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। कानून-व्यवस्था पर उनसे जरूर बात हुई। योगी ने पुलिस को गुण्डागर्दी खत्म करने के निर्देश दिए हैं।
किसानों की तरह एससी लोगों का भी माफ करें ऋण
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि जिस तरह किसानों का कर्ज माफ किया गया है, उसी तरह अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम से ऋण लेने वाले एससी कैटेगरी के लोगों के भी ऋण माफ करें।
मायावती अपनी पार्टी संभाले, उन्हें भी आगे होगा नुकसान
बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए अठावले ने कहा कि वह यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल न उठाएं। यह काम योगी अच्छे से कर रहे हैं। वह अपनी पार्टी को संभाले। जिस तरह सपा को नुकसान हुआ है, आगे बसपा को भी गठबंधन करने का नुकसान उठाना होगा।
मुसलमान न बनें सपा-बसपा व कांग्रेस की कठपुतली
मुस्लिम समुदाय के लोग सपा-बसपा व कांग्रेस की कठपुतली न बनें। इनके बहकावे में आकर वह भाजपा का विरोध करते हैं। इन्हें भाजपा व आरपीआइ (अ) के साथ आना चाहिए। क्योंकि पीएम मोदी सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र पर काम कर रहे हैं।