सुशील मोदी बोले: तेजस्वी के नेतृत्व में RJD की लाठी मजबूत करें शरद, लालू पर भी कसे तंज
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि शरद यादव को तेजस्वी के नेतृत्व में राजद की लाठी मजबूत करनी चाहिए। उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर भी तंज कसे।
पटना [जेएनएन]। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्य में हो रहे विकास की चर्चा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव की तरफदारी करते शरद यादव को यह दिखायी ही नहीं पड़ता। शरद पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें नई पार्टी बनाने के बदले तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार कर राजद की लाठी मजबूत करनी चाहिए। उन्होंने 'मन की बात' कार्यक्रम में बिहार के प्रयास की सराहना के लिए प्रधानमंत्री का आभार भी जताया।
सुशील मोदी ने शरद यादव द्वारा नई पार्टी बनाने की घोषणा पर तंज कसा कि उन्हें इसका विचार त्याग कर राजद का दामन थाम लेना चाहिए। कहा, ''चारा घोटाले के तीन मामलों में दोषी पाये गए लालू प्रसाद के व्यक्तित्व में जब शरद यादव को समाज सुधारक और गरीबों का मसीहा नजर आ रहा है, तब उन्हें नई पार्टी बनाने के बजाय तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार राजद की लाठी मजबूत करनी चाहिए।''
बिहार में हुए विकास की चर्चा करते हुए सुशील मोदी ने कहा, ''बिहार में सड़क-पुल निर्माण की गति तेज हुई और 30 दिसंबर 2017 तक सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया गया। विकास कार्यों के पटरी पर आने से निजी क्षेत्र के निवेश प्रस्ताव मिलने लगे। सामाजिक मुद्दों पर सरकार की सक्रियता को दलाई लामा जैसी अध्यात्मिक विभूतियों का आशीर्वाद मिला।'' उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की तरफदारी करते शरद यादव को यह सब दिखायी ही नहीं पड़ता है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन, परेशान विपक्ष अपनी बेनामी सम्पत्ति बचाने के लिए सामाजिक मुद्दों पर भी सरकार का विरोध कर रहा है।
सुशील मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में बिहार के प्रयास की सराहना के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। कहा कि देश के 161 जिलों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और बेटियों की उच्च शिक्षा-शादी के लिए सुकन्या समृद्धि योजना लागू करने जैसी पहल से जहां केंद्र सरकार ने महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में बड़ी पहल की, वहीं राज्य सरकार के सहयोग से लोगों ने बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के विरुद्ध 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बना कर सामाजिक रूढ़ियों से मुक्ति का अभियान चलाया।