सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली की जनता की बड़ी जीत : केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक फैसले के बाद प्रमुख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली (एएनआइ) दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक फैसले के बाद प्रमुख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, यह फैसला दिल्ली की जनता की बड़ी जीत है। यह लोकतंत्र की बड़ी जीत है।
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला है। दिल्ली सरकार को अब अप्रूवल के लिए फाइलों को उपराज्यपाल के पास नहीं भेजना होगा। अब राजधानी के काम में कोई रुकावट नहीं होगी।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि धारा 239 एए के तहत दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल मिलजुल कर कार्य करें। कांग्रेस ने दिल्ली में 15 साल तक काम किया, इसमें कोई रुकावट नहीं आई।
दिल्ली विधानसभा के विपक्ष के नेता और भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा, राज्य सरकार के पास पहले भी अधिकार भी थे, लेकिन सरकार काम नहीं करने के कारण केवल बहाने बना रही है। यह सरकार कुछ करना नहीं चाहती है। यह सरकार आगे भी ऐसे ही बहाने बनाती रहेगी।
पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का बेहतर फैसला है। एलजी और दिल्ली सरकार को मिलजुलकर काम करना चाहिए। हमेशा लड़ाई करते रहना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।
भाजपा प्रवक्ता अमन सिन्हा ने कहा कि हाई कोर्ट ने फैसले में उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासक बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने उसे कमोबेश बरकरार रखा है।
सांसद मीनाक्षी लेखी ने प्रतिक्रिया में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, इसलिए इसे राज्य का अधिकार नहीं मिल सकता है। इसके बावजूद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन जारी रखने की बात कर रहे हैं। यह अदालत की अवमानना है।