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प्रयागराज में सिंहल की पुण्यतिथि पर सुब्रमण्यम स्वामी बोले, अधिग्रहीत हो काशी-मथुरा मंदिर की जमीन

प्रयागराज में राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि सरकार काशी और मथुरा मंदिर की जमीन का अधिग्रहण करे। साथ ही मंदिर को व्यापक स्वरूप भी दे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 07:41 AM (IST)
प्रयागराज में सिंहल की पुण्यतिथि पर सुब्रमण्यम स्वामी बोले, अधिग्रहीत हो काशी-मथुरा मंदिर की जमीन
प्रयागराज में सिंहल की पुण्यतिथि पर सुब्रमण्यम स्वामी बोले, अधिग्रहीत हो काशी-मथुरा मंदिर की जमीन

प्रयागराज [ज्ञानेन्द्र सिंह]। विहिप के अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल की पुण्यतिथि पर रविवार शाम आयोजित व्याख्यान में काशी और मथुरा के मंदिरों का मुद्दा उठा। कार्यक्रम में जय श्रीराम के साथ हर-हर महादेव का उद्घोष भी हुआ। राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने यहां तक कहा कि केंद्र सरकार श्रीकृष्ण जन्मस्थान और विश्वनाथ मंदिर के लिए जमीन अधिग्रहीत करे। संविधान में इसके लिए प्रावधान भी है। मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भी डॉ. स्वामी का समर्थन किया। 

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अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की ओर से आयोजित 'धर्म : समग्र विकास का सनातन मार्ग' विषयक व्याख्यानमाला में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.जोशी ने 'धर्म के मूल को कैसे समझें' के बारे में बताया। कहा कि अंग्रेजी इतिहासकारों ने धर्म को संकुचित रूप देकर उसे रिलीजन का पर्याय बता दिया, जबकि धर्म व्यापक विचारधारा है। धर्म सनातन है। अन्य सभी रिलीजन जैसे यहूदी, ईसाई, इस्लाम आदि यह मानते हैं कि कोई सत्ता इस सृष्टि के बाहर की है जो धरती को चलाती है और वह अपना मसीहा भेजकर यहां शासन चलाता है, लेकिन धर्म यह नहीं मानता। धर्म को इस सृष्टि के बाहर से कोई नहीं चलाता, बल्कि यह सृष्टि के साथ ही उत्पन्न हुआ है। यह सनातन और सबके लिए है। धर्म पूजा पद्धति पर निर्भर नहीं करता और धर्म में कोई मतभेद भी नहीं है। यह सभी को समाविष्ट करता है। पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होता और न ही किसी से विरोध होता है। आज मनुष्य के धर्म से नहीं चलने के कारण विसंगतियां, हिंसात्मक प्रवृत्ति बढ़ गई है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध बढ़े हैैं। समाज को फिर से धर्मानुशासित करने की आवश्यकता है।

अध्यक्षता करते हुए पूर्व केंद्रीय विधि व वाणिज्य मंत्री डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि धर्म आस्था से जुड़ा हुआ है और बिना आस्था के धर्म नहीं हो सकता। धर्म के क्रियान्वयन के समय यह ध्यान रखना चाहिए। जैसा कि श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि धर्म गुणों के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 में पूजा का अधिकार मूलभूत अधिकार है। राम जन्मभूमि पर निर्णय आस्था के आधार पर आया। उन्होंने कहा कि मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है और काशी में ज्योर्तिलिंग है, इसलिए आस्था को देखते हुई सरकार दोनों स्थानों पर मंदिर की कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराए। दोनों वक्ताओं सहित सभी ने अशोक सिंहल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।


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