dumka news दूसरे प्रदेश से आकर यहां रह रहे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं : प्रो.स्टीफन
झारखंड में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में महेशपुर के विधायक प्रो.स्टीफन मरांडी ने कहा कि दूसरे प्रदेश से आकर रहने वाले लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां रह रहे लोगों को जीने खाने का अधिकार मिलेगा।
जागरण संवाददाता, दुमका : झामुमो के वरिष्ठ नेता और महेशपुर के विधायक प्रो.स्टीफन मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा 1932 के आधार पर स्थानीयता नीति बनाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के आदिवासी और मूलवासी नौजवानों को सरकारी नौकरी में नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।
झामुमो के नेतृत्व में चल रही सरकार चुनावी घोषणा पत्र में किए वायदे के अनुरूप 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसद आरक्षण के प्रावधान करने से संबंधित फैसले से आदिवासियों और मूलवासियों चिर-प्रतिक्षित सपना साकार हुआ है। इससे राज्य के नौजवानों को सरकारी नौकरी में नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। राज्य सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लेकर राज्य के लोगों को बहुत बड़ा तोहफा देकर सभी वर्ग के लोगों को एकजुट करने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य बनने के बाद से यह एक राजनीतिक मुद्दा बन कर रह गया था। राज्य में किसी दूसरे प्रदेश के जो लोग लंबे अर्से से रह रहे हैं उन्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। संविधान के अनुरूप उन्हें भी जीने-खाने का अधिकार होगा। राज्य सरकार उनके लिए भी व्यवसाय के साथ अन्य तरह का उपाय कर उनकी समस्याओं का निदान करेगी। उन्होंने दावा किया कि इस राज्य में बाहरी और भीतरी का कोई मुद्दा नहीं होगा।