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राजस्थान राज्य सेवाओं के अधिकारियों के आईएएस बनने की कसरत, राज्य सरकार ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया तय की

राजस्थान में अन्य राजकीय सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में विशेष चयन के लिए आंतरिक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के नियम तय कर दिए गए हैं ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 09:23 AM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 09:23 AM (IST)
राजस्थान राज्य सेवाओं के अधिकारियों के आईएएस बनने की कसरत, राज्य सरकार ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया तय की
राजस्थान राज्य सेवाओं के अधिकारियों के आईएएस बनने की कसरत, राज्य सरकार ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया तय की

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अन्य राजकीय सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में विशेष चयन के लिए आंतरिक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के नियम तय कर दिए गए हैं। इसके लिए कई मापदंड बनाए गए हैं। इसमें राज्य सेवा के अधिकारियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन का 60 प्रतिशत वेटेज रखा गया है। शैक्षणिक योग्यताओं का 24 प्रतिशत वेटेज रखा गया है।इनके अतिरिक्त विशेष पुरस्कारों को 3 प्रतिशत, स्किल्स व परफॉर्मेंस को 5 प्रतिशत और फील्ड पोस्टिंग को 8 प्रतिशत का वेटेज दिया गया है ।

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राज्यसेवा में कार्य ग्रहण के समय और कार्य ग्रहण के बाद की योग्यताओं को 12-12 प्रतिशत का वेटेज दिया गया है । इसमें स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और एम.फिल जैसी योग्यताओं को शामिल किया गया है।फील्ड पोस्टिंग के वेटेज में तीन मापदंड तय किए गए हैं। इनमें सभी संभागीय मुख्यालय को छोड़कर अन्य जिलों में तीन या अधिक वर्ष की फील्ड पोस्टिंग को 8 फीसदी वेटेज, जयपुर संभागीय मुख्यालय पर सेवा को 4 फीसदी और जयपुर के अलावा अन्य संभागीय मुख्यालयों पर दी गई सेवा के लिए 6 फीसदी का वेटेज आंतरिक स्क्रीनिंग के लिए तय किया गया है।

राजस्थान में अन्य राजकीय सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में विशेष चयन के लिए आंतरिक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के नियम तय कर दिए गए हैं। आईएएस के चयन की तिथि से ठीक 10 वर्ष पूर्व के कार्य मूल्यांकन को ही विचार के लिया जाना तय किया गया है। इसमें एक वित्तीय वर्ष को चार-चार माह के तीन खंडो पर विभाजन करके विचार किया जाएगा। हर एक तिहाई भाग के लिए 2 अंक निर्धारित किए गए हैं।आंतरिक स्क्रीनिंग में शामिल होने वाले अन्य राज्य सेवाओं के कर्मचारियों की निरंतर और नियमित 17 वर्ष की सेवा होना अनिवार्य की गई है। इसमें 9 वर्ष की सेवा डिप्टी कलक्टर के समकक्ष होना जरूरी होगा। इसके बाद की शेष 8 साल की सेवा भी निरंतर और नियमित होनी चाहिए। 


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