सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, छोटे शहरों-कस्बों के छात्रों-नौजवानों को मदद की जरूरत
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते आर्थिक तंगी में छात्रों व नौजवानों के पास ना तो कमरे का किराया है ना ही खाने-पीने और फीस देने का इंतजाम है।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गांव-देहात और छोटे शहरों व कस्बों से बड़े शहरों में पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आने वाले छात्रों व नौजवानों को मदद की बहुत जरूरत है। वैश्विक महामारी के चलते आर्थिक तंगी में उनके पास ना तो कमरे का किराया है ना ही खाने-पीने और फीस देने का इंतजाम है। स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधक फीस तथा अन्य खर्चे वसूलने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। शिक्षकों तथा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। लेकिन, मुख्यमंत्री व उनकी टीम इलेवन इन मामलों में मौन धारण किए है।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि सपा सरकार में भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त करने के लिए उन तक लैपटॉप पहुंचाए थे, जबकि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा करके भी मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप से वंचित रखा है। भाजपा ने बिहार-बंगाल में वर्चुअल रैली में ढाई सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए, जबकि देश में कोरोना का आतंक है और तमाम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन हालात में भी भाजपा को चुनाव की चिंता है।
सपा ने भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त करने के लिए उन तक लैपटॉप पहुँचाए...
भाजपा ने कोरोना बीमारी पर जीत हासिल करने की जगह चुनाव जीतने के लिए जंगल तक में एलईडी लगवाए...
इसे कहते हैं सोच का अंतर... pic.twitter.com/qHAL2dGXPa— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 10, 2020
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शोर तो बहुत मचाया गया, मगर सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में इनवेस्टमेंट समिट एवं डिफेंस एक्सपो का कागजी इवेंट ना तो निवेशक ला सका, ना ही रोजगार। उन्होंने कहा कि सपा ने सरकार से मांग की है कि वह आपदाग्रस्त किसान परिवारों, श्रमिक परिवारों व कोरोना पीडि़त परिवारों को 10-10 लाख रुपये की मदद दे।