सौरव गांगुली ने ममता सरकार से मिली जमीन लौटाई, भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट
सौरव गांगुली ने स्कूल के निर्माण के लिए ममता सरकार से मिली जमीन लौटा दी है। सौरव के इस कदम से उनके भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व बीसीसीआइ के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली ने स्कूल के निर्माण के लिए ममता सरकार से मिली जमीन लौटा दी है। सौरव के इस कदम से उनके भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि सौरव गांगुली और न ही सरकार की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई है। गौरतलब है कि बंगाल में अगले साल ही विधानसभा चुनाव है और बंगाल भाजपा को मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरे की तलाश है। सौरव ने हाल में राज्य सचिवालय नवान जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और स्कूल के निर्माण के लिए उन्हें न्यूटाउन में आवंटित की गई दो एकड़ जमीन लौटा दी है।
इससे पहले वाममोर्चा के शासनकाल में भी सौरव को स्कूल के निर्माण के लिए साल्टलेक में जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कानूनी पचड़े के कारण वह जमीन कभी सौरव को मिल नहीं पाई। पता चला है कि तृणमूल सरकार की तरफ से वेस्ट बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने उन्हें आइसीएससी बोर्ड वाले बारहवीं कक्षा तक के स्कूल के निर्माण के लिए जमीन प्रदान की थी। इस मामले में भी कानूनी अड़चनें आ गई हैं। सूत्रों ने बताया कि गांगुली एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से जमीन लौटाने संबंधी पत्र राज्य सरकार को भेजा गया है। सौरव इस संस्था के अध्यक्ष हैं। पत्र को स्वीकार करके इसकी फाइल वित्त विभाग के पास भेज दी गई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सौरव गांगुली के बहुत अच्छे संबंध बताए जाते हैं। सौरव के बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने में ममता की अहम भूमिका रही है लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सौरव ने जिस तरह से सरकार को जमीन लौटा दी है, उससे गलत संकेत जा सकता है। सौरव के बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व केंद्र सरकार के दो अन्य मंत्रियों की अहम भूमिका रही है। इसी से सौरव के भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है। सौरव हालांकि कई मौकों पर साफ तौर पर कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में पदार्पण करने की कोई योजना नहीं है।