सौरव गांगुली का बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने से इन्कार!, सियासत के मैदान में हाथ आजमाने के मूड में नहीं दादा
इन्कार सौरव को बंगाल विस चुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ उतारने की जुगत में है भाजपा। हालांकि खबर आ रही है कि सौरव गांगुली ने भाजपा के प्रस्ताव को ना कर दिया है। दादा फिलहाल सियासत के मैदान में हाथ आजमाने के मूड में नहीं है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, जिसमें सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। लंबे समय से इस बात की चर्चा है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली को भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उतारकर 'दीदी बनाम दादा' की लड़ाई बनाना चाहती है, हालांकि खबर आ रही है कि सौरव गांगुली ने भाजपा के प्रस्ताव को ना कर दिया है। दादा फिलहाल सियासत के मैदान में हाथ आजमाने के मूड में नहीं है।
बीसीसीआइ चीफ के तौर पर अपनी भूमिका से खुश
सूत्रों से पता चला है कि दादा ने भाजपा नेतृत्व को बता दिया है कि वे न तो राजनीति में उतरना चाहते हैं और न ही विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। सौरव की ओर से इसे लेकर अभी कोई बयान नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि सौरव ने पिछले महीने भाजपा के सामने फिर साफ कर दिया कि वे सक्रिय राजनीति में आना नहीं चाहते। वे फिलहाल बीसीसीआइ चीफ के तौर पर अपनी भूमिका से खुश हैं।
दादा ने खुद बयान देकर अटकलों पर विराम लगा
सूत्रों ने यह भी बताया कि दादा की ओर से इन्कार किए जाने के बाद पार्टी ने उनपर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है। इस मुद्दे पर भाजपा नेता कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब सौरव को लेकर इस तरह की खबरें आई हैं। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी खबर आई थी कि भाजपा ने सौरव को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था लेकिन दादा ने खुद ही बयान देकर अटकलों पर विराम लगा दिया था।
अब विधासनभा में बहुमत के लिए जोर लगा रही
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा तृणमूल को जोरदार झटका देने के बाद अब विधासनभा में बहुमत के लिए जोर लगा रही है। पार्टी को इसके लिए ऐसे चेहरे की तलाश है, जो ममता बनर्जी को सीधे टक्कर दे सके इसलिए भाजपा सौरव पर दांव खेलने की कोशिश में है। सौरव के ममता के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
क्रिकेट एसो. अध्यक्ष बनाने के पीछे ममता का हाथ
सौरव को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का अध्यक्ष बनाने के पीछे ममता का ही हाथ था। सौरव जब से बीसीसीआइ अध्यक्ष बने हैं, तब से उनके केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी काफी अच्छे संबंध हैं। अक्टूबर, 2019 में सौरव को बीसीसीआइ अध्यक्ष बनाने में अमित शाह की अहम भूमिका रही है। तभी से अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में सौरव भाजपा का चेहरा होंगे।