प्रियंका वाड्रा के साथ दो दिन के रायबरेली दौरे पर आएंगी सोनिया गांधी, मतदाताओं का जताएंगी आभार
प्रियंका गांधी कल सोनिया गांधी के साथ दिल्ली से शाम साढ़े सात बजे रायबरेली के फुरसतगंज एयरपोर्ट पहुंचेगी।
रायबरेली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में अपने प्रमुख गढ़ अमेठी व रायबरेली में से अमेठी को गंवाने वाली कांग्रेस रायबरेली को लेकर अब बेहद गंभीर है। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली से जीत दर्ज की है। अब वह मतदाताओं का आभार जताने दो दिन के दौरे पर कल रायबरेली आ रही हैं। उनके साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा भी रहेंगी।
प्रियंका गांधी कल सोनिया गांधी के साथ दिल्ली से शाम साढ़े सात बजे रायबरेली के फुरसतगंज एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसके बाद सीट भुएमऊ गेस्टहाउस में रात्रि विश्राम करेंगी। सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के साथ मीटिंग करेंगी। रात नौ बजे दिल्ली के लिए वापसी करेंगी। इस दौरान सोनिया गांधी रायबरेली में नुक्कड़ सभा कर मतदाताओं से आभार जताएंगी।
रायबरेली में इस बार राजनैतिक परिपाटी का नया रूप देखने को मिलने वाला है। पांचवीं बार सांसद बनीं सोनिया गांधी चुनाव परिणाम के बाद इतनी जल्दी यहां कभी नहीं आईं, मगर इस बार वह अपनी बेटी के साथ कार्यकर्ताओं का आभार जताने के लिए आ रहीं हैं। बुधवार को सुबह नौ बजे से देर शाम तक कार्यक्रम चलेगा। जिसमें संगठन के पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक से मिलेंगी और जीत का आभार जताएंगी। इसके साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी करेंगी। जिलाध्यक्ष वीके शुक्ल ने बताया कि 12 जून को पूरा दिन सांसद सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका वाड्रा भुएमऊ गेस्ट हाउस में रहेंगी। क्षेत्र में भ्रमण का कार्यक्रम अभी तय नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिर्फ सरेनी जनसभा में सोनिया और प्रियंका एक साथ मंच पर दिखीं थीं। पूरा चुनाव अकेले प्रियंका ने संभाला। उन्होंने ही नुक्कड़ सभा और जनसभा के जरिए अपनी मां के लिए वोट मांगे। इस बार जीत के बाद वह अपनी मां के साथ यहां आ रहीं हैं।
वोटों का अंतर कम हुआ तो जल्दी आएंगी सोनिया
इसे राजनीति का फलसफा कहें या कुछ और। अमूमन चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में लोगों का आभार जताने सोनिया गांधी लंबे अरसे बाद आती रहीं। अमूमन उनके प्रतिनिधि केएल शर्मा ही स्वागत समारोह में दिखाई पड़ते रहे। इस बार चुनाव परिणाम के मात्र 20 दिन के भीतर ही स्थानीय सांसद अपने मतदाताओं के बीच पहुंचेंगी। इसके पीछे यूं तो कई कारण हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस का गढ जो डूबते डूबते बचा है या यूं कहें कि सोनिया की जीत का अंतर आधा हो गया यह भी बड़ा कारण हो सकता है।
नए सिरे से संगठन खड़ा करने की योजना
लोकसभा चुनाव 2019 में साख गंवाने के बाद कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की तैयारी की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पार्टी की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में बूथ स्तर से लेकर अध्यक्ष तक बदलाव किया जाए ताकि, पार्टी कार्यकर्ताओं में भरोसा पैदा किया जा सके। प्रियंका गांधी ने इससे पहले यूपी के सभी कांग्रेस के सचिवों और नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को नए सिरे से तैयार करने की बात कही थी। प्रियंका ने कहा था कि अब उत्तर प्रदेश में नए जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे। जिसके लिए अब काफी अच्छे उम्मीदवारों की तलाश की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने और नए लोगों को अपने साथ जोडऩे की रणनीति का खाका तैयार कर किया जा रहा है। इस सिलसिले में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से अलग-अलग चर्चा कर रहे हैं। माना जा रहा है प्रियंका कल से रायबरेली में बैठक से विधानसभा चुनाव की तैयारियों की औपचारिक शुरुआत कर सकती हैं।
प्रियंका गांधी 11 और 12 जून को रायबरेली में पूर्वी यूपी के जिला अध्यक्ष, शहर अध्यक्ष और लोकसभा चुनाव में लगाए गए कोऑर्डिनेटर के साथ समीक्षा बैठक करेंगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियायी जमीन को तैयार करने के लिए लोकसभा चुनाव में पार्टी महासचिव और पूर्वांचल की प्रभारी प्रिंयका गांधी ने एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया था, लेकिन चुनाव नतीजों से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से पार्टी में मंथन और बैठक का दौर जारी है। प्रियंका गांधी कल दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंच रही हैं और यहां पार्टी की हार की समीक्षा बैठक करेंगी। इसी के साथ प्रियंका कांग्रेस को सूबे में फिर से खड़ा करने के लिए भी रोड मैप तैयार करेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले यूपी को दो भागों पूर्व और पश्चिम में बांटकर प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसकी जिम्मेदारी दी थी।
कम हो गया कांग्रेस का वोट प्रतिशत
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सीट के साथ वोट फीसदी में भी कमी आई है। 2014 के चुनाव में कांग्रेस को दो सीट के साथ साढ़े सात फीसदी वोट मिले थे। इस बार पार्टी को सिर्फ 6.3 प्रतिशत वोट मिला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 6.2 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस इसमें समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी थी।
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