बंगालः ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं शोभन चटर्जी
Sobhan Chatterjee. कभी तृणमूल सुप्रीमो के भरोसेमंद रहे शोभन चटर्जी को पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ ने नारद घोटाले में तलब किया था।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए तृणमूल नेता व पूर्व मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि यदि भाजपा ने चाहा तो वह अगले विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि नारद घोटाले में सीबीआइ की पूछताछ से खुद को बचाने के लिए वह भगवा खेमे में शामिल हुए हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद वे पहली बार मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे थे। इस दिन भाजपा की तरफ से शोभन के साथ ही उनकी करीबी मित्र बैशाखी बनर्जी का भी स्वागत किया गया।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल सुप्रीमो के भरोसेमंद रहे शोभन को पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ ने नारद घोटाले में तलब किया था। उन्होंने कहा कि 'जब मैं तृणमूल कांग्रेस में था, मैं उस पार्टी का एक वफादार सिपाही था। अब मैं भाजपा में शामिल हो गया हूं और इसका वफादार सिपाही बनूंगा। मेरी पार्टी मुझसे जो भी करने को कहेगी मैं वह करूंगा। यदि वे मुझे अगले चुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं तो मैं ऐसा करूंगा।' चटर्जी और उनके करीबी सहयोगी बैशाखी बनर्जी को पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को यहां एक समारोह में सम्मानित किया।
बनर्जी तृणमूल कांग्रेस प्रोफेसर्स सेल की अध्यक्ष थीं, जो 14 अगस्त को नई दिल्ली में शोभन के साथ भाजपा में शामिल हो गई थीं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने नारद टेप घोटाले में पूछताछ से खुद को बचाने के लिए भाजपा की तरफ रुख किया तो चटर्जी ने कहा 'आप सभी को यह याद रखना चाहिए कि यह (नारद घोटाला) विचाराधीन मामला है और आरोपित और अपराधी में बहुत अंतर है। अब तक कुछ भी साबित नहीं हुआ है।'
चटर्जी मंत्री बनने के अलावा तृणमूल के चार बार विधायक और कोलकाता नगर निगम के दो बार मेयर रहे चुके हैं। चटर्जी को मुख्यमंत्री द्वारा अपने निजी जीवन में समस्याओं के बाद नवंबर 2018 में मंत्री और मेयर दोनों पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। उसके बाद से उन्होंने राजनीति से अलग हो गए थे।
इस दिन उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में यदि लोग निर्विघ्न वोट दे पाते तो पश्चिम बंगाल में आमूलचूल परिवर्तन होता। उन्होंने तृणमूल को वाममोर्चा से भी भयंकर करार दिया। उन्होंने कहा कि वाममोर्चा ने अपने 34 साल के शासन में जो अत्याचार किया उससे भी ज्याद आज तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में हो रहा है। बंगाल को एक बार फिर अत्याचार से मुक्ति दिलाने का समय आ गया है। आने वाले दिनों में भाजपा यहां सरकार गठित करेगी। लोकसभा चुनाव में जिन कठिन परिस्थितियों में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लड़ाई लड़ी वह बड़ी बात है। साहसिक भाजपा कार्यकर्ताओं को सशक्त जन समर्थन मिला।
सत्तारूढ़ दल की ओर से बाधाएं नहीं पहुंचाई गई होती नतीजा कुछ और होता। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सही में लोगों को वोट देने का मौका मिला होता तो नवान्न की गद्दी भी विलीन हो जाती। पूर्व मेयर ने सत्तारूढ़ दल पर मतदान में व्यापक धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तृणमूल में वे पिछले आठ महीने से वे काफी परेशान थे। विषम परिस्थितियों से गुजर रहे थे। बाध्य होकर उन्हें तृणमूल से नाता तोड़ना पड़ा। वह अब दिशाहीन नदी से पार हो गए हैं। पूर्व मेयर ने इस दिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की खूब प्रशंसा की। उन्होंने 14 अगस्त को दिल्ली में जाकर भाजपा का झंडा थामा। उनके साथ उनकी मित्र बैशाखी बनर्जी में भाजपा में शामिल हुई। राजनीति में शोभन चटर्जी को 40 साल का अनुभव है।