Rajasthan: कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर स्मृति ईरानी बोलीं, किसे सजा देगी सरकार
Newborns Death in Kota Hospital. द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कोटा के अस्पताल में बच्चों की लगातार मौतों के बाद भी राजस्थान सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
जयपुर, एएनआइ। Newborns Death in Kota Hospital. राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में महीनेभर में 104 बच्चों की मौत पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में राजनीति भी गरमाने लगी है।
बच्चों की मौत पर किसे सजा देगी सरकारः स्मृति ईरानी
इस बीच, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कोटा के अस्पताल में बच्चों की लगातार मौतों के बाद भी राजस्थान सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार को यह जवाब देने की जरूरत है कि वे किसे इसकी सजा देंगे?
कारपेट बिछाने को लेकर सीएमओ ने रिपोर्ट मांगी
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के दौरे से पहले कोटा के जेके लोन अस्पताल में बिछाए गए कारपेट को मीडिया को देख कर हटा दिया गया है। इस बीच, मंत्रियों के लिए ग्रीन कारपेट बिछाने को लेकर सीएमओ ने रिपोर्ट मांगी है।
बुनियादी स्वच्छता की कमीः गहलोत
राजस्थान के सीएम ने कहा कि आइसीयू में जहां शिशुओं की मौत हो गई, जिनमें बुनियादी स्वच्छता की कमी थी।
वहीं, कोटा के अस्पताल में मरम्मत का काम भी चल रहा है।
इस मामले में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार घिर गई है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती ने बच्चों की मौत को लेकर न केवल कांग्रेस पर निशाना साधा, बल्कि सीधे-सीधे प्रियंका गांधी वाड्रा को यह कहते हुए कठघरे में खड़ा किया कि उन्हें उत्तर प्रदेश में राजनीति करने के बजाय कोटा जाकर मृतक बच्चों की माताओं को सांत्वना देनी चाहिए थी। दोनों का इशारा साफ तौर पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों को लेकर प्रियंका की सक्रियता की ओर है। चौतरफा दबाव में आए गहलोत ने इन मौतों पर राजनीति नहीं करने की अपील की है।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य में पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे को तलब किया है। साथ ही गहलोत से भी जवाब मांगा है। राज्य सरकार ने इन मौतों के लिए ठंड, प्रीमेच्योर बर्थ और कम वजन जैसे कारणों को जिम्मेदार बताया है। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि महिला होकर भी प्रियंका और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी मृतक बच्चों की माताओं का दर्द नहीं महसूस कर रही हैं। योगी ने सौ से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत को अत्यंत दुखद और दिल को झकझोर देने वाला बताया। योगी ने गहलोत को भी निशाने पर लेते हुए लिखा, 'राजस्थान के सीएम का असंवेदनशील, गैरजिम्मेदाराना, लापरवाही से भरा व्यवहार व उनकी चुप्पी और ज्यादा पीड़ा देने वाली है।'
योगी की तरह बसपा प्रमुख मायावती ने भी कांग्रेस महासचिव प्रियंका पर सवाल उठाया। बच्चों की मौत पर प्रियंका की चुप्पी को निशाना बनाते हुए मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव की सक्रियता को नाटकबाजी करार दिया। उन्होंने अशोक गहलोत को भी निशाने पर लिया। मायावती ने ट्वीट किया, 'इतने दुखद मामले में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। उसका रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। इससे भी ज्यादा दुखद है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, खासकर प्रियंका इस मामले पर मौन हैं।'
गहलोत ने दी सफाई
इस बीच गहलोत ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा, 'सरकार बच्चों की मौत पर संवेदनशील है। जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत की दर तेजी से कम हो रही है। हम इसे और घटाने की कोशिश करेंगे।' गहलोत ने दावा किया कि राजस्थान में बच्चों के लिए पहला आइसीयू 2003 में कांग्रेस की सरकार में बनाया गया था।
हमलावर हुई भाजपा
भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि खेद की बात है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार भी उस अस्पताल का दौरा करना जरूरी नहीं समझा जहां इतने बच्चों की मौत हो गई। पूनिया ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सांसदों से कोटा के अस्पताल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बदसुलूकी की। कोटा से भाजपा सांसद व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'राज्य सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि हर जगह स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। आंकड़ेबाजी के बजाय बच्चों की मौत रोकने की कोशिश करनी चाहिए।'
कमेटी ने अस्पताल की हालत पर उठाए थे सवाल
दो दिन पहले राजस्थान सरकार की एक समिति ने यह पाया था कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में बेड का अभाव है और उसके कामकाज में सुधार की जरूरत है। कमेटी ने हालांकि डॉक्टरों की कोई लापरवाही नहीं पाई थी। तीन सदस्यीय समिति को 23 और 24 दिसंबर को दस बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में जांच करने के लिए भेजा गया था।
मंत्री ने गिनाए ये कारण
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि बच्चों की मौत के कई कारण हैं। इनमें तेज ठंड, बच्चों का प्रीमेच्योर बर्थ (समय से पहले जन्म), जन्म के समय कम वजन या दूर अन्य अस्पतालों से रेफर होने पर जेके लोन में लाने तक बच्चे के परिजनों द्वारा सतर्कता नहीं बरतना शामिल है। डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होना भी बच्चों की मौत का कारण है। अब तक सिलेंडरों से ऑक्सीजन पहुंचाया जाता था, जिससे इंफेक्शन का खतरा हमेशा रहता था। कुछ बच्चों में इंफेक्शन की बात भी सामने आई थी। अब ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से बच्चों की मौत की संख्या में कमी आई है।
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