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श्‍वेत मलिक ने कहा, गैर भाजपा राज्‍य सरकारों की वजह से सस्‍ता नहीं हो रहा पेट्रोल-डीजल

पंजाब भाजपा के अध्‍यक्ष श्‍वेत मलिक ने कहा कि गैर भाजपा राज्‍य सरकारों के रुख के कारण पेट्रोल और डीजल सस्‍ते नहीं हो रहे हैं। ये सरकारें इनको जीएसटी के तहत लाने को राजी नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 04:27 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 09:04 PM (IST)
श्‍वेत मलिक ने कहा, गैर भाजपा राज्‍य सरकारों की वजह से सस्‍ता नहीं हो रहा पेट्रोल-डीजल
श्‍वेत मलिक ने कहा, गैर भाजपा राज्‍य सरकारों की वजह से सस्‍ता नहीं हो रहा पेट्रोल-डीजल

जेएनएन, जालंधर। पंजाब भाजपा प्रधान श्वेत मलिक ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी लाने में देश की गैर  भाजपा राज्‍य सरकारों को बाधा बताया है। उन्हाेंने कहा कि देश के सभी राज्य सरकारें इन्‍हें जीएसटी  के दायरे में लाने को सहमत हो जाएं तो इनकी कीमतं काफी कम हो जाएंगी। केंद्र सरकार इसके लिए पहले ही तैयार है, कई राज्‍यों की सरकारें इसके लिए राजी नहीं हैं। भाजपा शासित प्रदेश इसके लिए तैयार हैं, लेकिन जिन राज्यों में अन्य पार्टियों की सरकारें हैं वह तैयार नहीं है। यही कारण है कि कीमतों में कमी नहीं हो पा रही।

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पत्रकारों से बातचीत में मलिक ने कहा कि शाहकोट उपचुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार नायब सिंह कोहाड़ की जीत होगी। यहां भाजपा-अकाली दल की टीम पांडवों की तरह काम कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस‍ की हालत कौरवों जैसी है।

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मलिक ने कहा कि अजीत सिंह कोहाड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान शाहकोट का काफी विकास किया। इस कारण शाहकोट हलके के लोग कोहाड़ परिवार से लंबे समय से जुड़े हैं यही कारण है कि अजीत सिंह कोहाड़ लगातार पांच बार शाहकोट से विधायक रहे। उन्‍हाेंने कहा कि कांग्रेस ने एक ऐसे ऐसे विवादित नेता को टिकट दिया है जो विवादों में रहा है। उनका माइनिंग माफिया के साथ वीडियो वायरल हुआ। कांग्रेसियों ने ही उन्‍हें टिकट देने का विरोध किया। इसके बावजूद पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह के कहने पर कांग्रेस हाईकमान ने दागी लाडी शेरोवालिया को टिकट दे दिया। शाहकोट की जनता ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।

डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर मलिक ने कहा देश के सभी राज्य सरकारें इसे जीएसटी  के दायरे में लाने को सहमत हो जाएं तो केंद्र सरकार भी इसके लिए तैयार है। भाजपा शासित प्रदेश इसके लिए तैयार है लेकिन जिन राज्यों में अन्य पार्टियों की सरकारें हैं वह तैयार नहीं है, यही कारण है कि कीमतों में कमी नहीं हो पा रही।

मलिक ने सहकारिता बैंकों की ओर से लिए गए फैसले पर असहमति जताई। उन्‍होंने कहा की सरकारी बैंकों ने फैसला लिया है कि किसानों को अब प्रति एकड़ 10 हजार रुपये कर्ज दिया जाएगा। यह नियमों के खिलाफ है। नियमों के अनुसार, किसान को पहले से ही प्रति एकड़ 14 हजार रुपये कर्ज मिलता रहा है।

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उन्‍होंने कहा कि यदि बैंक ऐसा करते हैं तो किसानों को पूरा पैसा नहीं मिलेगा और उनको भविष्य में समस्या आएगी। इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को चाहिए कि वह इस फैसले पर विचार करें ताकि किसानों का नुकसान न हो।

मलिक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार को सत्ता में डेढ़ साल होने वाला है लेकिन अब तक प्रदेश के लिए वह कुछ भी नहीं कर पाए हैं हर वर्ग दुखी है सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है किसानों की आत्महत्या लगातार बढ़ रही है और सरकार हाथ पर हाथ रख तमाशा देख रही है।


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