रामनगरी अयोध्या से रिश्ता गाढ़ा करने की कोशिश में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
सात माह में दो बार रामनगरी आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इससे रिश्ता गाढ़ा करने में कामयाब होते दिख रहे हैं।
अयोध्या [रघुवरशरण]। सात माह में दो बार रामनगरी आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इससे रिश्ता गाढ़ा करने में कामयाब होते दिख रहे हैं। अब अयोध्या का प्रतिनिधि मंडल उनसे मिलने अगले माह मुंबई जाएगा। राममंदिर मुद्दा फलक पर उभारने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ उन्हें अयोध्या आमंत्रित करेगा।
पहली बार उद्धव 24 नवंबर, 2018 को परिवार सहित रामनगरी पहुंचे थे। तब उन्होंने मंदिर आंदोलन के प्रति अपने पिता बाल ठाकरे एवं पार्टी के योगदान का स्मरण कराया। मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए नारा दिया, पहले मंदिर फिर सरकार। अगले दिन रामलला का दर्शन कर स्वयं को मंदिर मुद्दे से जोड़ने की भरपूर कोशिश की। इस मुद्दे की उपेक्षा के नाम पर मोदी सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया।
अब इसी महीने की 16 तारीख को शिवसेना प्रमुख दूसरी बार रामलला के दर्शन को पहुंचे। पार्टी के सभी 18 नवनिर्वाचित सांसद यहां आकर उन्होंने राममंदिर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का अहसास कराया। हालांकि, इस बार उन्होंने भाजपा और पीएम के खिलाफ हमला नहीं बोला और गठबंधन धर्म के अनुरूप भाजपा और प्रधानमंत्री पर विश्वास जता गए।
राममंदिर और हिंदुत्व के मुद्दे पर सियासत करने वाली शिवसेना को रामनगरी में पहले से ही पसंद किया जाता रहा है। अब शिवसेना प्रमुख दो दौरे करके यहां के लोगों के साथ पार्टी का रिश्ता गाढ़ा करते दिख रहे हैं। उद्धव ठाकरे के आगमन के दौरान पलक पांवड़े बिछाने वाले शिवसेना महानगर प्रमुख रजत पांडेय, संत सेना के जिला प्रमुख एवं हनुमानगढ़ी से जुड़े युवा संत पुजारी ङ्क्षरकू दास, प्रदेश महासचिव अनिरुद्ध देव त्रिपाठी आदि की माने तो निकट भविष्य में रामनगरी और शिवसेना का रिश्ता और मजबूत होगा। जुलाई के तीसरे सप्ताह में स्थानीय समर्थकों का दल मुंबई में उन्हें फिर से अयोध्या आमंत्रित करेगा।
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