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Maharashtra: संजय राउत को सताने लगा ‘ठाकरे ब्रांड’ के पतन का खौफ

Sanjay Raut बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट से चल रहे विवादों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि मुंबई के महत्व को कम करने का योजनाबद्ध प्रयास किया जा रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 08:10 PM (IST)
Maharashtra: संजय राउत को सताने लगा ‘ठाकरे ब्रांड’ के पतन का खौफ
Maharashtra: संजय राउत को सताने लगा ‘ठाकरे ब्रांड’ के पतन का खौफ

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। शिवसेना जब भी किसी राजनीतिक संकट में घिरती है, वह मुंबई पर संकट का राग अलापने लगती है। इस बार अभिनेत्री कंगना रनोट से चल रहे विवादों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि मुंबई के महत्व को कम करने का योजनाबद्ध प्रयास किया जा रहा है। उनके अनुसार, जिस दिन ‘ठाकरे ब्रांड’ का पतन होगा, उस दिन से मुंबई का भी पतन होना शुरू हो जाएगा। राज्यसभा सदस्य संजय राउत शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक भी हैं। एक दिन पहले ही सामना के संपादकीय में इशारा किया जा चुका है कि जल में रहकर मगर से बैर नहीं किया जा सकता। यहां मगर से उनका सीधा मतलब शिवसेना से था।

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जबकि रविवार के अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोक-टोक’ में राउत अभिनेत्री कंगना रनोट को नटी बताते हुए ‘ठाकरे ब्रांड’ एवं ‘पवार ब्रांड’ की बात करते दिखाई दिए। उन्होंने लिखा कि ठाकरे महाराष्ट्र के स्वाभिमान का एक ‘ब्रांड’ है। दूसरा महत्त्वपूर्ण ब्रांड ‘पवार’ नाम से चलता है। मुंबई से इन ब्रांड को ही नष्ट करना है। उसके बाद मुंबई पर कब्जा जमाना है। अब इस साजिश की कलई खुल गई है। इस मुहिम में राज ठाकरे को भी शिवसेना के साथ दिखाने की कोशिश करते हुए राउत लिखते हैं कि राज ठाकरे भी उसी ‘ब्रांड’ के एक घटक हैं और इस सबका खामियाजा भविष्य में उन्हें भी भुगतना पड़ेगा। शिवसेना से उनका मतभेद हो सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में ‘ठाकरे ब्रांड’ का तो जोर होना ही चाहिए।

कंगना के साथ इन दिनों चल रहे विवाद का उल्लेख करते हुए राउत कहते हैं कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने का प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है। ये ग्रहण ‘बाहरी’ लोग लगा रहे हैं, लेकिन इन्हें मजबूत बनाने के लिए परंपरा के अनुसार हमारे ही घर के भेदी आगे आए हैं। पहले मुंबई को पाकिस्तान कहा गया। फिर मुंबई का अपमान करने वाली एक नटी (अभिनेत्री) के अवैध निर्माण पर महानगरपालिका द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद मनपा का उल्लेख ‘बाबर’ के रूप में किया गया। इस विवाद में तटस्थ रही फिल्म इंडस्ट्री पर टिप्पणी करते हुए राउत लिखते हैं कि कंगना का मत पूरे फिल्म जगत का मत नहीं है।

कम से कम अक्षय कुमार जैसे बड़े कलाकारों को तो सामने आना ही चाहिए था। मुंबई ने उन्हें भी दिया ही है, लेकिन मुंबई के संदर्भ में आभार व्यक्त करने में कइयों को तकलीफ होती है। दुनिया भर के रईसों के घर मुंबई में हैं, लेकिन मुंबई का जब अपमान होता है, ये सभी गर्दन झुकाकर बैठ जाते हैं। मुंबई का महत्व इनके लिए सिर्फ दोहन या पैसा कमाने के लिए ही है। राउत के अनुसार, महाराष्ट्र व भूमिपुत्रों (महाराष्ट्र के मूल निवासियों) का भाग्यचक्र मुंबई के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। मुंबई देश की हो, या दुनिया की, लेकिन मुंबई पर पहला हक महाराष्ट्र का है। 


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