Rajasthan Political Crisis: विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में संजय जैन का वॉइस सैंपल देने से इन्कार
Rajasthan Political Crisis केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व दोनों विधायकों से बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे आरोपित संजय जैन ने आवाज का सैंपल देने से इन्कार कर दिया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले को लेकर पिछले दिनों कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा की मध्यस्थ संजय जैल की हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद चल रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। इस मामले में कथित रूप से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व दोनों विधायकों से बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे आरोपित संजय जैन ने आवाज का सैंपल देने से इन्कार कर दिया। संजय जैन को शुक्रवार को जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट-दो में पेश किया गया। इस मामले में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी संजय जैन से पूछताछ करेगा।
वहीं, संजय जैन द्वारा दर्ज की गई जमानत याचिका पर अब चार अगस्त को सुनवाई की जाएगी। वॉइस सैंपल लेने की बाद ही वायरल हुए ऑडियो को जांच के लिए एफएसएल के पास भेजा जा सकेगा। उधर, दूसरी तरफ विधायक खरीद-फरोख्त के मामले में जांच के रडार पर आए इंदौर के रहने वाले बलवंत सिंह और पुत्र दिग्विजय सिंह पूछताछ के लिए एसओजी के ऑफिस नहीं आए। दोनों को नोटिस देकर 30 जुलाई को बुलाया गया था। अब एसओजी इन्हें एक और नोटिस जारी करेगी। इसके बाद भी नहीं आने पर इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि एसओजी ने दो मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया था। इसमें विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर चर्चा हुई। इस पर 10 जुलाई को केस दर्ज किया गया था। दोनों मोबाइल धारकों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके संपर्क में उदयपुर निवासी करण सिंह, बांसवाड़ा के तनवीर, इंदौर के बलवंत सिंह और दिग्विजय सिंह के नाम सामने आए थे।
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार किए गए संजय जैन के भाजपा नेताओं के साथ निकट संबंध होने की बात सामने आई है। एसओजी की जांच में सामने आया कि प्रदेश में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के संजय जैन से काफी निकटतम रिश्ते थे। परनामी के बेटे उदय परनामी के साथ मिलकर संजय जैन ने साल 2016 में कुबेर प्राइम इंफ्रास्ट्रक्चर नाम से एक कंपनी बनाई थी। पाटर्नशिप में दोनों ने व्यापार किया। हालांकि करीब दो साल पहले उदय परनामी इस कंपनी से अलग हो गया।