Move to Jagran APP

UP Assembly Winter session : नागरिकता कानून पर गर्माया शीतकालीन सत्र, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

UP Assembly Winter session समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार सहित कई मुद्दों पर विधानसभा में धरना दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 07:05 PM (IST)
UP Assembly Winter session : नागरिकता कानून पर गर्माया शीतकालीन सत्र, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल
UP Assembly Winter session : नागरिकता कानून पर गर्माया शीतकालीन सत्र, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

लखनऊ, जेएनएन। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन नागरिकता संशोधन कानून तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व  लखनऊ के नदवा कालेज में पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ। सपा और कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में नारेबाजी की और सरकार विरोधी नारे लिखे हुए पोस्टर लहराए।विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भी समाजवादी पार्टी ने सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर बरकरार रखे हुए है। मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने विधान भवन स्थित चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना दिया।

loksabha election banner

बसपा सदस्य वेल में नहीं पहुंचे परंतु उन्होंने अपनी सीटों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा व विधान परिषद में हंगामे के चलते प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पूर्व सपा विधायकों ने विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया। विधानसभा मंडप में मंगलवार को प्रात: 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने नागरिकता कानून का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 30 वर्ष बाद छात्र आंदोलन गर्माया है। पुलिस बर्बरता से जनता की आवाज कुचलने में लगी है। उन्होंने इस कानून को वापस कराने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला सदन के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है, इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा कराना संभव नहीं है।

नेता बसपा लालजी वर्मा और नेता कांग्रेस आराधना मिश्रा मोना ने नेता प्रतिपक्ष की मांग का समर्थन किया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए छात्रों पर बर्बरता से इन्कार किया। इस जवाब से आक्रोशित सपा व कांग्रेस सदस्यों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की और पोस्टर लहराए। बसपा सदस्य सीटों पर खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। माहौल शांत न होने पर अध्यक्ष ने पहले 30 मिनट और बाद में 12.20 बजे तक सदन स्थगित कर दिया।

उधर विधान परिषद में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। शिक्षण संस्थाओं में पुलिस घुसकर छात्रों पर लाठियां भांज रही है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण अधिष्ठाता ओम प्रकाश शर्मा को सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोबारा सदन की कार्यवाही चालू होने पर फिर हंगामा शुरू हो गया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही दोपहर 12.20 बजे तक स्थगित कर दी गई।   

 

चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना दे रहे सपा सदस्यों ने हाथों में तख्ती ले रखी थी। सभी संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे भी लगाए। विधायकों नागरिकता संशोझन कानून को वापस लेने की मांग की। इनका कहना था कि इस कानून को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। विरोध में उतरे विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं पर सरकार पुलिस से बर्बरता करवा रही है। विधायकों का कहना है कि भाजपा सरकार नफरत की राजनीति करके समाज को बांटना चाह रही है। यह हम नहीं होने देंगे। 

सदन में तनातनी, विपक्ष का वाक आउट

प्रश्नकाल बीतने के बाद विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पटल पर रखा। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने नियम 56 के तहत छात्रों पर पुलिस द्वारा बल का प्रयोग करने का मुद्दा उठाने की अनुमति दी। नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने देश में आपातकाल जैसे हालात होने की बात कही। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री नीलकंठ तिवारी, सूर्य प्रताप शाही, सुरेश राणा व उपेंद्र तिवारी सहित अनेक विधायकों ने प्रतिरोध किया।  विरोध में विपक्षी भी खड़े होकर हंगामा करने लगे। लालजी वर्मा व आराधना मिश्रा ने भी सत्ता पक्ष पर विपक्ष व जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया। 

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अलीगढ़ में छात्रों द्वारा उपद्रव मचाने और पुलिस व राहगीरों पर पत्थरबाजी करने की बात कही तो सपा के नफीस अहमद, रफीक अंसारी, उज्जवल रमण सिंह व नरेंद्र वर्मा आदि ने विरोध किया। खन्ना ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी और 20 पुलिसकर्मी घायल होने की जानकारी दी। उनका कहना था कि छात्रों के आक्रोशित होने के बावजूद पुलिस ने संयम बरता। इस जवाब से नाराज सपा, बसपा और कांग्रेस ने सदन सेे वाकआउट किया।

भाजपा की नीतियों से आमजन का मोह भंग : अखिलेश

इससे पहले सोमवार को पार्टी मुख्यालय में विधायक दल की बैठक में अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विभन्न मुद्दों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों से आमजन का मोह भंग हो चुका है। त्रस्त जनता अब विरोध में सड़कों पर भी उतरने लगी है। यादव ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, लखनऊ के नदवा कालेज और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ ज्यादती की निंदा की। छात्रों केअपमान तथा उत्पीड़न को लोकतंत्र की हत्या बताया है।

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के परिसर में पुलिस का बलपूर्वक प्रवेश निंदनीय है। नदवा कालेज में शांति पूर्ण प्रदर्शन करते छात्रों पर बर्बरता सरकार के इशारों पर उठाया कदम है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्रों ने एकजुटता दिखाई है। छात्रों की आवाज से सरकार डर रही है और बलपूर्वक कुचल देना चाहती है। सपा प्रमुख ने जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की विध्वंसकारी नीतियों को उजागर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यही मौका है जब गांव गली तक सपा की नीतियों को भी प्रचारित किया जाए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.