Rajasthan: नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-भाजपा में घमासान, पायलट व वसुंधरा को फिर किया साइडलाइन
Rajasthan Municipal Corporation Election 2020 कांग्रेस में गहलोत ने सचिन पायलट और भाजपा में शेखावत व पूनिया ने वसुंधरा राजे को पूरी तरह साइड लाइन कर दिया। पायलट और वसुंधरा राजे को दरकिनार करने से उनके समर्थकों में काफी नाराजगी है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में छह नगर निगम के चुनाव में पार्षदों के टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में जमकर घमासान हुआ। टिकट तय करने में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे की चली, वहीं भाजपा में पूरी कमान वसुंधरा राजे के विरोधी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रत्याशी तय किए हैं। कांग्रेस में गहलोत ने सचिन पायलट और भाजपा में शेखावत व पूनिया ने वसुंधरा राजे को पूरी तरह साइड लाइन कर दिया। पायलट और वसुंधरा राजे को दरकिनार करने से उनके समर्थकों में काफी नाराजगी है। इसका असर चुनाव परिणाम पर हो सकता है। जयपुर, जोधपुर व कोटा के नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का सोमवार को अंतिम दिन है।
कांग्रेस में जमकर खींचतान
कांग्रेस में नगर निगम के पार्षदों के टिकट बंटवारे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री को दखल देना पड़ा। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव और गहलोत समर्थक गिरिराज गर्ग ने टिकट तय करने की प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए राष्ट्रीय सचिव तरूण कुमार के खिलाफ धरना दे दिया। गर्ग ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में भाई-भतीजावाद के नाम पर टिकट बंटवारा हो रहा है। टिकट तय करने के दौरान दो दिन में हुई कई दौर की बैठकों में मंत्रियों, विधायकों व संगठन के पदाधिकारियों के बीच जमकर खींचतान हुई। गहलोत के खास मुख्य सचेतक महेश जोशी टिकट तय करने को लेकर दो राष्ट्रीय सचिवों द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हुए। विधायक से लेकर मंत्री तक अपने समर्थक को टिकट नहीं मिलने पर विरोधी को हराने में जुटे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तक की सलाह को विधायक नहीं मान रहे हैं।
भाजपा में तीन केंद्रीय मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के हाथ में कमान
खुद को अनुशासित पार्टी माने जाने वाली भाजपा में भी कम झगड़ा नहीं है। पार्षदों के टिकट बंटवारे को लेकर शनिवार को तीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी, पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठक के लिए आए। तीनों के साथ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया व संगठन महासचिव चंद्रशेखर की लंबी बैठक हुई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी तीनों केंद्रीय मंत्री व पूनिया ने चुनाव लड़ाने को लेकर ऐसे नाम तय किये हैं, उन पर दूसरे खेमे को आपत्ति है। वसुंधरा राजे समर्थकों ने तय किया कि जब तक प्रदेश स्तर पर निर्णय लेने का काम वसुंधरा राजे को नहीं सौंपा जाएगा, जब तक वे निगम चुनाव हो या फिर पंचायत चुनाव हो वे दिलचस्पी नहीं देंगे। वसुंधरा राजे विरोधी नेता उनके समर्थकों को नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया से पूरी तरह से दरकिनार करना चाहते हैं।