गारंटेड इलाज को लेकर कानून बनाएगी गहलोत सरकार, राइट टू हैल्थ कानून विधानसभा सत्र में पारित होगा
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों को गारंटेड इलाज की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी में जुटी है ।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों को गारंटेड इलाज की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी में जुटी है । इसके लिए 10 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में राइट टू हैल्थ (स्वास्थ का अधिकार) कानून पारित कराएगी। कानून का मसौदा तैयार हो चुका है। यह मसौदा 22 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया है।
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि राइट टू हैल्थ का सिस्टम वर्तमान में देश के किसी प्रदेश में नहीं है। राजस्थान सरकार प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ का अधिकार देने जा रही है। इसके तहत सबसे बड़ा बिंदु गारंटेड गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। प्रत्येक सरकारी अस्पताल के बाहर एक सूची चस्पा की जाएगी, जिसमें वहां उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख होगा। तय पैरामीटर्स के हिसाब से यह सुविधा उपलब्ध कराना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी होगी।
सरकार यह गारंटी देगी कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक सब सेंटर स्थापित होगा। तय आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,मेडिकल कॉलेज अथवा जिला अस्पताल होगा। राइट टू हैल्थ कानून के तहत प्रत्येक बीमारी का इलाज सरकारी अस्पताल में होगा, प्रत्येक जांच भी वहीं होगी। यदि कोई उपकरण खराब है तो अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह कहीं से भी व्यवस्था कर मरीज की जांच कराएगा। सरकारी अस्पताल में पहुंचने वाले प्रत्येक मरीज का इलाज करना चिकित्सकों की जिम्मेदारी होगी ।
इन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दिए सुझाव
कानून का मसौदा तैयार करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन,युनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए), युनाइटेड नेशनस इंटरनेशल चिल्ड्रंस इमरजेंसी फंड (यूनिसेफ), आईपी ग्लोबल,जोहंस होपकिंस प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन इन गॉयकनोलॉली (जापाइगो), विश फाउंडेशन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया गया। इनके सुझाव के आधार पर कानून का मसौदा तैयार किया गया है।
कानून के तहत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए नर्सिंगकर्मी एवं चिकित्सक अलग से होंगे। चिकित्सा अधिकारियों के लिए ऑन लाइन ट्रेनिंग पैकेज होगा, अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम तय समय पर आयोजित किए जाएंगे। परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए अलग से स्टाफ नियुक्त होगा। टीबी, कैंसर, सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों का इलाज वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में होगा। तय समय पर उनकी काउंसलिंग होगी।