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शाहकोट उपचुनाव में बुरी तरह हार के बाद पंजाब के आप नेता आमने-सामने

पंजाब में शाहकोट विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्‍मीदवार की बुरी हार के बाद राज्‍य में पार्टी के नेता खुलकर आमने सामने आ गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 05:31 PM (IST)
शाहकोट उपचुनाव में बुरी तरह हार के बाद पंजाब के आप नेता आमने-सामने
शाहकोट उपचुनाव में बुरी तरह हार के बाद पंजाब के आप नेता आमने-सामने

जेएनएन, चंडीगढ़। शाहकोट विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली करारी हार के बाद पार्टी की गुटबाजी सामने आने लगी है और पार्टी नेताओं की बयानबाजी बढ़ती जा रही है। राज्‍य में आप के नेता खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। पार्टी के प्रदेश सह-प्रधान डाॅ. बलबीर सिंह ने विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा पर निशाना साधा है। इससे पहले खैहरा ने पार्टी के प्रधान अरविंद केजरीवाल पर हमला किया था।

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पार्टी के सह प्रधान बलबीर सिंह ने विधायक सुखपाल खैहरा पर साधा निशाना

डाॅ. बलबीर सिंह ने खैहरा को सलाह दी कि वह सार्वजनिक बयानबाजी से पहरेज करें। खैहरा ने शाहकोट में हार के लिए पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया था। खैहरा ने कहा था कि केजरीवाल द्वारा शिअद नेता बिक्रम मजीठिया से नशे के मुद्दे पर माफी मांगने से लोगों का आप से मोह भंग हुआ है।

डाॅ. बलबीर ने पार्टी के विधायकों समेत समूची लीडरशिप से अपील की है कि वह अनुशासन के दायरे में रहते हुए अपनी कोई भी निजी राय मीडिया या सोशल मीडिया में रखने की बजाए पार्टी के प्लेटफार्म पर ही रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि शाहकोट उपचुनाव लड़ने का फैसला 100 प्रतिशत पार्टी की प्रदेश इकाई का था। उम्मीदवार का चुनाव भी प्रदेश लीडरशिप ने खुद किया था।

डाॅ. बलबीर ने कहा कि उस बैठक में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा खुद मौजूद थे। इसलिए स्पष्ट करना जरूरी है कि गुरदासपुर उप चुनाव की तरह उम्मीदवार चुनने से लेकर लडऩे तक का फैसला पूरी तरह पंजाब इकाई का था और गुरदासपुर चुनाव सुखपाल सिंह खैहरा के नेतृत्व में लड़ा गया था।

डाॅ. बलबीर ने कहा कि जो भी आप नेता शाहकोट उपचुनाव लड़ने के फैसले को केंद्रीय लीडरशिप पर डालकर खुद को इस असफलता से अलग रखने की कोशिश कर रहा है, वह ऐसा करने की बजाए शाहकोट उप चुनाव में अपनी भूमिका और पिछले एक साल से पार्टी की मजबूती के लिए अपनी कोशिशों के बारे में आत्ममंथन जरूर करे।

उन्‍हाेंने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और इस एकजुटता को और मजबूत करने के लिए हर नेता को अपना अहम त्यागना पड़ेगा। यह कभी नहीं होता कि सफलता मिली है तो मेरी वजह से और असफलता के लिए प्रांतीय या केंद्रीय लीडरशिप जिम्मेदार है। पार्टी का फैसला सुप्रीम होता है और हरेक नेता व वालंटियर का धर्म होता है कि वह पार्टी के फैसले को माने।

चिंतन बैठक शीघ्र, होगी समीक्षा

डॉ. बलबीर ने कहा कि पार्टी शीघ्र होने जा रही चिंतन बैठक में हार के कारणों, नेताओं के योगदान, भूमिका आदि की पूरी समीक्षा करेगी। भविष्य के चुनाव के मद्देनजर अपनी हर कमी को दूर करेगी और पार्टी को बूथ स्तर तक एकजुट और मजबूत करने की हर संभव कोशिश करेगी।


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