जयपुर, जागरण संवाददाता। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के काम आने वाले गुलाबी पत्थर के खनन पर रोक लगा दी गई है। राजस्थान में भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर की खानों से निकाले जाने वाले पत्थर पर रोक लगाने के निर्णय से मंदिर निर्माण के काम में कुछ बाधा उत्पन्न हो सकती है।
राजस्थान सरकार के खान विभाग, भरतपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने बंशी पहाड़पुर में खनन पर रोक लगाई है। प्रशासन ने करीब ढ़ाई दर्जन ट्रक जब्त किए हैं । प्रशासन का कहना है कि बंशी पहाड़पुर में अधिकारिक रूप से खनन के लिए किसी को लीज आवंटित नहीं की गई थी, यहां अवैध खनन हो रहा था। भरतपुर जिला प्रशासन, खान और वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बंशी पहाड़पुर में खनन कार्य रोक दिया। जिला कलेक्टर नथमल डिडेल का कहना है कि बंशी पहाड़पुर में अवैध खनन की सूचना मिलने पर वहां कार्रवाई कर रोक लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि यहां अवैध खनन होता रहता है, सूचना मिलने पर रोका भी जाता रहा है । किसी व्यक्ति को खनन के लिए अनुमति नहीं दी गई, अवैध खनन की सूचना मिलने पर कार्रवाई गई। पिछले दिनों संभागीय आयुक्त प्रेमचंद बेरवाल ने अवैध खनन रोकने को लेकर निर्देश दिए थे, इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि पत्थर ले जाते हुए कुछ ट्रकों को जब्त किया गया है। उन्होंने कहा कि ये ट्रक पत्थर कहां लेकर जा रहे थे, इस बात की जानकारी नहीं है, अवैध खनन का पत्थर होने के कारण रोका गया है। खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बयाना के उपखंड अधिकारी संतोष कुमार मीणा का कहना है कि राम मंदिर तो बनेगा ही, लेकिन इसके लिए अवैध खनन को अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने बताया कि अवैध खनन का पत्थर ले जा रहे 50 ट्रकों को पिछले तीन दिन में रोका गया है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि ये सभी ट्रक अयोध्या जा रहे थे। इनमें से कुछ ट्रक आगरा की तरफ जाते हुए पकड़े गए हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार देर शाम जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.अमनदीप कपूर ने बंशी पहाड़पुर में हो रहे खनन कार्य को अवैध बताते हुए पुलिस की टीम तैनात की है।
कई सालों से अयोध्या जा रहा है पत्थर
बयाना की पटेल स्टोन इंडस्ट्री के निदेशक देवेंद्र पटेल व भरतपुर विहिप के कार्यकर्ता गिरिराज अग्रवाल का कहना है कि साल, 2006 से बंशी पहाड़पुर से पत्थर अयोध्या भेजा जा रहा है। करीब एक लाख घनफीट पत्थर भेजा जा चुका है। लेकिन अब प्रशासन ने यहां खनन पर रोक लगा दी। पांच हजार साल इसकी उम्र होती है, बारिश का पानी गिरने पर इसकी चमक बढ़ती है। खनन कार्य करने वाले ठेकेदार विजयपाल सिंह का कहना है कि मेरी कंपनी को खान विभाग से बंशी पहाड़पुर में खनन करने की अनुमति मिली हुई है। लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग ने अभी क्लीयरेंस नहीं दी ।
पत्थर व्यवसायी ओमप्रकाश ने बताया कि पहाड़पुर क्षेत्र का पत्थर अन्य से बेहतर है। उन्होंने बताया कि साल,1990 में अयोध्या में कार्यशाला की स्थापना हुई थी। उस समय स्व. अशोक सिंघल, राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष स्व.महंत रामचंद्र दास ने भरतपुर आकर बंशी पहाड़पुर के पत्थर का चयन किया था। उन्होने कहा कि अब खनन रोकने से मंदिर निर्माण में देरी हो सकती है ।