UP RajyaSabha By Election: मध्य प्रदेश के सैयद जफर इस्लाम UP से भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार
UP RajyaSabha By Election उत्तर प्रदेश से स्वर्गीय मनोहर पार्रिकर स्वर्गीय अरुण जेटली तथा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बाद अब बाहरी सैयद जफर इस्लाम राज्यसभा में जााएंगे।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायकों की बड़ी संख्या का लाभ केंद्रीय नेतृत्व उठाना जानता है। समाजवादी पार्टी के निलंबित नेता अमर सिंह की मौत के बाद राज्यसभा की खाली सीट पर होने वाले उप चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश के सैयद जफर इस्लाम को उम्मीदवार बनाया है।
उत्तर प्रदेश से स्वर्गीय मनोहर पार्रिकर, स्वर्गीय अरुण जेटली तथा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बाद अब बाहरी सैयद जफर इस्लाम राज्यसभा में जााएंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या को देखते हुए जफर की जीत तय मानी जा रही है। सैयद जफर इस्लाम भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।
माना जाता है कि पार्टी प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्र्रेस से भाजपा में शामिल करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। राजनीति में आने से पहले सैयद जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम करते थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में शामिल होने के पहले से ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनका करीबी रिश्ता है।
सैयद जफर इस्लाम ने सात वर्ष पहले भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके बाद वह भाजपा में एक मुखर और उदारवादी मुस्लिम चेहरा बनकर उभरे हैं। सोशल मीडिया पर भी वह काफी सक्रिय रहते हैं। सैयद जफर इस्लाम को भारतीय जनता पार्टी ने अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बनाया है। सैयद जफर इस्लाम भाजपा में शामिल होने से पहले जर्मन ड्यूश बैंक में एमडी पद पर तैनात थे। वह जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रहते थे। उन्होंने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत के लिए भारतीय जनता पार्टी को चुना। वर्तमान में वह एयर इंडिया के निदेशक मंडल में शामिल हैं।
यह हैं जफर इस्लाम
बतौर भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम मीडिया के लिए जाना पहचाना चेहरा हैं। टीवी चैनलों पर डिबेट में वह हर रोज भाजपा का पक्ष रखते हैं और चुभते सवालों से पार्टी का बचाव भी करते हैं।
जफर से ज्योतिरादित्य से पुराने रिश्ते
जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया के रिश्ते पुराने हैं। इसकी शुरुआत जफर के बैंकिंग करियर के दौरान तब हुई थी जब सिंधिया यूपीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे। मध्य प्रदेश की राजनीति में आने के बाद भी सिंधिया जब कभी दिल्ली में रहते थे, तो जफर से उनकी मुलाकात होती रहती थी। जफर ने ज्योतिरदित्य को भाजपा में लाने का जोरदार प्रयास किया। वह करीब छह महीने पहले से ही उनसे लगातार मिल रहे थे। भाजपा में आने से पहले ज्योतिरदित्य और जफर की लगातार मीटिंग्स हुई थीं। इसके बाद खुद सिंधिया ने अपनी तरफ से भाजपा में आने की पेशकश की थी।
अमर सिंह के निधन से खाली हुई सीट पर उप-चुनाव
अमर सिंह के निधन से खाली हुई सीट पर 11 सितंबर को उप-चुनाव होगा। चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है और नोटिफिकेशन जारी हो गया है। समाजवादी पार्टी से निलंबित अमर सिंह लम्बे समय से बीमार थे। बीती एक अगस्त 2020 को सिंगापुर के अस्पताल में उनका निधन हो गया था। इस सीट पर उपचुनाव जीतने वाले का कार्यकाल नवंबर 2022 तक रहेगा।
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