गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भविष्य बचाने के लिए, पत्थरबाजी में लिप्त बच्चों को दी माफी
राजनाथ सिंह ने कहा - जम्मू कश्मीर में फिर से अमन और खुशहाली का सूरज निकल रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही रमजान के महीने में गृहमंत्रालय की तरफ से लागू किए गए सीजफायर की भी समीक्षा की।
भविष्य बचाने के लिए पत्थरबाजी में लिप्त बच्चों को दी माफी
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पत्थरबाजों के लिए आम माफी का जिक्र करते हुए कहा कि यह कदम सिर्फ स्थानीय नौजवानों के भविष्य को बचाने की खातिर ही उठाया गया है। हम अच्छी तरह समझते हैं कि किसी भी बच्चे को गुमराह करना आसान है। कुछ युवक गुमराह होकर पत्थरबाजी में शामिल हो गए थे। बच्चे तो बच्चे ही होते हैं और वह गलतियां करेंगे ही। इसलिए हमने उन सभी को माफी देने का फैसला किया जो पहली बार पत्थरबाजी में लिप्त थे।
युवाओं से हिंसा छोड़ने की अपील
युवाओं से हिंसा के मार्ग पर न चलने की अपील करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार ने उनके भविष्य को संवारने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसलिए मैं सभी नौजवानों को हिंसा का मार्ग न अपनाने की अपील करता हूं। वे हिंसा से दूर रहते हुए विकास के मार्ग पर चलें। उन्होंने इस दौरान राज्य के प्रतिष्ठित खिलाडि़यों परवेज रसूल, मेहराजुदीन वडू, पलक कौर, बवलीन कौर और रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब के खिलाडि़यों को भी सम्मानित किया।
कश्मीर अगर समस्या है तो हल भी निकालेंगे
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और हुर्रियत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। कश्मीर अगर समस्या है तो इसका हल भी है। हम उन लोगों में नहीं हैं, जो समस्याओं को बनाए रखने में यकीन रखते हैं। हम इसका हल निकालेंगे। लेकिन बातचीत के लिए लाइक माइंड से कहीं ज्यादा राइट माइंड होना जरूरी है।
राज्य के दो दिवसीय दौरे पर वीरवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचे गृहमंत्री उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा परिदृश्य और विकास कार्यो की समीक्षा करने के बाद उन्होंने कहा कि मैं फिर दोहराता हूं कि चाहे कितनी भी रुकावटें हमारे रास्ते में आएं, लेकिन कश्मीर में शांति बहाली और कश्मीर समस्या के समाधान के हमारे संकल्प को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता।
स्थानीय युवाओं को पत्थरबाजी की तरफ धकेलने के लिए अलगाववादियों को लताड़ते हुए कहा कि बच्चे तो बच्चे होते हैं, उनकी मासूमियत का लाभ नहीं उठाया जाना चाहिए। क्या ये लोग (अलगाववादी) यही चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के बच्चे आग और पत्थर से खेलते रहें। वह नहीं चाहते कि ये भी पढ़ें-लिखें, तरक्की करें।
मैं दिल की गहराइयों से अपील करना चाहता हूं कि वह (अलगाववादी) कोई भी राजनीति करें, लेकिन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न करें। हमने 10 हजार पत्थरबाजों पर दर्ज मामले वापस लिए हैं। हम अपने और दूसरों के बच्चों में फर्क करें, यह कहां का इंसाफ है। अपने गिरेबां में झांको।
कश्मीर मुद्दे पर अलगाववादियों से बातचीत संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने यहां बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा को नियुक्त किया है। वह 11 बार आ चुके हैं। मैं फिर से सभी से अपील करता हूं कि यहां अमन बहाली के लिए आगे आएं। कहीं ऐसा न हो कि एक और पीढ़ी अंधेरे में डूब जाए। जो भी बात करना चाहता है, आगे आ सकता है। मैंने कहा था कि सभी संबंधित पक्षों से बातचीत होगी।
हुर्रियत द्वारा बातचीत पर स्पष्टीकरण संबंधी सवाल पर उन्होंने बातचीत के लिए कोई प्रगति न होने पर हुर्रियत को ही जिम्मेदार ठहराया। गृहमंत्री ने अमन बहाली के लिए केंद्र के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा पत्थरबाजों के लिए माफी और रमजान युद्धविराम भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। रमजान में आतंकी हिंसा और पाकिस्तानी गोलाबारी पर रोष जताते हुए कहा कि ये कौन लोग हैं, जो रमजान में भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत का जिक्र करते हुए कहा कि क्या बंदूक उठाने वाले को जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत में कोई यकीन नहीं है। प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि कश्मीर में शांति और कश्मीर समस्या का समाधान गाली से नहीं कश्मीरियों को गले लगाकर ही होगा।
आतंकवाद पर काबू नहीं पा रहा पाक तो पड़ोसी से ले मदद
नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) पर गोलाबारी और राज्य में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को लताड़ते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पाक अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पनपने दे रहा है। दुनिया के सामने आतंकवाद खत्म करने की बात तो करता है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाना चाहता। अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू नहीं कर पा रहा, तो वह पड़ोसी मुल्क की मदद क्यों नहीं ले लेता।
युद्धविराम के भविष्य पर फैसला बाद में
गृहमंत्री ने कश्मीर में जारी रमजान युद्धविराम को विस्तार देने पर कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत सोच समझकर लिया है। इसे बढ़ाया जाना है या नहीं, सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ विचार विमर्श के बाद तय होगा।
भारत में इस्लाम के सभी फिरके
गृहमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए इस्लाम के नाम पर खून खराबा करने वालों को निशाना बनाते हुए कहा कि कई इस्लामिक मुल्क हैं, लेकिन वहां भी इस्लाम से संबंधित 72 फिरके एक साथ नहीं रहते। भारत जो एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, में इस्लाम के यह सभी 72 फिरके एक साथ रहते हैं। फिर इस भारत से इतनी नफरत क्यों।
भारत की दुश्मन ताकतें नहीं चाहती शांति हो
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ रही दुनिया की पांच बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं में एक है। भारत की दुश्मन ताकतें इसकी तरक्की से नाखुश हैं और वह भारत की बढ़ती ताकत और तरक्की को रोकने के लिए ही वह अपनी पूरी ताकत के साथ यहां अशांति, अस्थिरता और हिंसा फैला रही हैं।
एजेंडा ऑफ अलायंस के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री संतुष्ट
राज्य में सत्तासीन भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के बीच तय एजेंडा ऑफ अलांयस पर कार्यान्वयन को लेकर पीडीपी के नाखुश होने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जो उनके पास ही बैठी थीं, की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि एजेंडा ऑफ अलायंस में तय सभी बिंदंओं पर अब तक हुए कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि जम्मू कश्मीर में अमन और खुशहाली का सूरज निकल रहा है। इसे अब कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने ये बातें यहां मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती संग शेर-ए-कश्मीर इंडोर स्टेडियम में एक खेल सम्मेलन में उपस्थित खिलाडि़यों को संबोधित करते हुए कही।
स्टेडियम में लगभग छह हजार नौजवानों की भीड़ से राजनाथ सिंह उत्साहित थे। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कई बार कश्मीर आ चुका हूं, लेकिन पहली बार मैंने इस तरह से नौजवानों को उत्साह के साथ देखा। इस पूरे स्टेडियम में चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा नजर आ रही है। मेरा मानना है कि सकारात्मक ऊर्जा से भरे ये युवा न सिर्फ जम्मू कश्मीर का बल्कि पूरे मुल्क का भविष्य बदल देंगे।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कई स्थानीय खेल प्रतिभाएं बीते कई वर्षो के दौरान यूं ही अंधेरे में गुम हो गई, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। राज्य का नौजवान अब न सिर्फ राज्य की बल्कि अपनी किस्मत भी स्पोर्ट्स की करामात और तालीम की तरफ से बदल सकेगा।