योगी सरकार के राजभर मंत्रियों का एक दूसरे के क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन
योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर और मंत्री अनिल राजभर में राजभर समाज के अगुआई को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।
वाराणसी (जेएनएन)। योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर और भाजपा की तरफ से जवाब में उतरे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर में राजभर समाज के अगुआई को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। दोनों मंत्रियों ने रविवार को पूर्वांचल में एक-दूसरे के क्षेत्र में रैली करते हुए भीड़ प्रबंधन से भी शक्ति प्रदर्शन किया। दोनों ने एक दूसरे को ललकारा और राजभर समाज का भला करने के बजाय वोटों की सौदागरी करने के आरोप लगाए।
पीएम-सीएम की सोच का बखान
ओमप्रकाश ने अनिल के गृह क्षेत्र चंदौली के सकलडीहा में रैली के पूर्व बनारस में प्रेस कांफ्रेंस कर खुद को दल (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) का बताया तो अनिल को भाजपा का कार्यकर्ता मात्र करार दिया। सकलडीहा में मंच संभाला तो पीएम और सीएम की सोच का बखान किया लेकिन, बिना नाम लिए अनिल के लिए कहा कि पूर्व के वक्ताओं में आक्रोश है पर इन्हें यह समझना चाहिए कि भौंकने वाले भौंकते रहते हैं। मैं सरकार में हूं लेकिन, मलाई नहीं काट रहा।
जिसने जिताया उसी के खिलाफ मोर्चा
गाजीपुर में अनिल राजभर ने केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में भासपा के खाते में रही जखनिया सीट के शादियाबाद क्षेत्र में रैली कर बिना ओमप्रकाश का नाम लिए ललकारा। बोले, जिसने जिताया उसी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा न होती तो इस जन्म में मंत्री दूर विधायक तक न बन पाते। राजभर समाज के वोटों की सौदागरी कर रहे हैं। उन्हें जनता से मतलब नहीं है। बेटे और पत्नी को भी सांसद बनाने की चाहते हैं।
ओमप्रकाश के बेटे को मिली धमकी
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पुत्र व सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख सचिव ने चंदौली की सभा में मंच से कहा कि मुझे मोबाइल फोन पर कॉल कर रैली न करने के लिए धमकी दी गई। हिदायत मिली थी कि चंदौली आने के बाद लौटना मुश्किल होगा। मैं बार-बार चंदौली आऊंगा।