Rajasthan Politics News: राजस्थान में अब नंबर गेम की राजनीति, दोनों खेमे हुए सक्रिय
शुक्रवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद से शनिवार को सुबह तक कांग्रेस के रणनीतिकार चर्चा करते रहे कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किल बढ़ गई है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों की संख्या के मामले में अब तक सचिन पायलट पर भारी पड़े। गहलोत के पक्ष में विधायकों का बहुमत होने के कारण पार्टी आलाकमान ने भी उन्हे फ्री हैंड दिया। लेकिन हाईकोर्ट में सचिन पायलट खेमे को जीत मिली है। शुक्रवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद से शनिवार को सुबह तक कांग्रेस के रणनीतिकार चर्चा करते रहे कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किल बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने स्पीकर डॉ. सीपी जोशी द्वारा जारी किए गए अयोग्यता नोटिस पर स्टे लगा दिया। इस नोटिस के जरिए और विधानसभा का सत्र बुलाकर सीएम गहलोत बागी विधायकों पर दबाव बनाना चाहते थे। अब सुप्रीम कोर्ट के पाले में गेंद है और सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।
अब यह माना जा रहा है कि नंबर गेम की लड़ाई होगी। ऐसे में गहलोत और पायलट दोनों में से जो विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब होगा, उसे ही आगामी दिनों में राजनीतिक लाभ मिलेगा। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि गहलोत मजबूती से मौजूदा सियासी संघर्ष में डटे हुए हैं, लेकिन पायलट भी कमजोर नहीं है, उन्हें भाजपा का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिल रहा है । सीएम गहलोत चाहते थे कि विधानसभा सत्र बुलाकर पायलट सहित 19 बागी विधायकों पर दबाव बनाया जाय।
हाईकोर्ट के फैसले और राज्यपाल के रूख से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सही निर्णय नहीं हो पा रहा है। 200 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से तो सीएम गहलोत मजबूत नजर आ रहे हैं ।हालांकि उनके पास बहुमत के करीब का ही आंकड़ा 101 है । वे खुद 102 का दावा कर रहे हैं । कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यदि विधायकों को होटल से बाहर निकलने दिया जाता है तो गहलोत खेमे में से तीन से चार विधायक पायलट के पास जा सकते हैं । यही कारण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग पायलट के संपर्क में है । पायलट के पास 22 विधायक हैं । कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि यदि फ्लोर टेस्ट की नौबत आती है तो गहलोत को मुश्किल हो सकती है ।
200 सदस्यीय विधानसभा की मौजूदा स्थिति
अशोक गहलोत खेमा ( कांग्रेस के 87,10 निर्दलीय,2 भारतीय ट्राइबल पार्टी व 1 माकपा,1 आरएलडी )
सचिन पायलट खेमा ( 19 कांग्रेस व 3 निर्दलीय )
भाजपा ( भाजपा 72 और 3 लोकतांत्रिक पार्टी )