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Rajasthan: बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हाईकोर्ट का स्पीकर व विधायकों को नोटिस

Rajasthan High Court राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा के अध्यक्ष व सचिव और बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में विलय के संबंध में नोटिस जारी किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 04:03 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 06:06 PM (IST)
Rajasthan: बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हाईकोर्ट का स्पीकर व विधायकों को नोटिस
Rajasthan: बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हाईकोर्ट का स्पीकर व विधायकों को नोटिस

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan High Court: राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र और अशोक गहलोत सरकार के बीच चल रही खींचतान खत्म हो गई, लेकिन अब बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर हाईकोर्ट में मामला पहुंच गया है। बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा की ओर से दायर की गई याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सतीश मिश्रा की ओर से दलीलें रखी गईं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट की ओर से कांग्रेस में विलय कर चुके बसपा के सभी छह विधायकों , विधानसभा स्पीकर व विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया गया है।

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कोर्ट की ओर से सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा गया है। सुनवाई के दौरान बसपा ने कोर्ट में तर्क दिया कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, ऐसे में राज्य स्तर पर विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं कर सकते हैं।महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ में हुई सुनवाई में सतीश मिश्रा लखनऊ से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हाईकोर्ट में उन्होंने हरियाणा के कुलदीप विश्नोई मामले का हवाला दिया गया है, साथ ही जगजीत सिंह केस का भी हवाला दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बसपा राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है, ऐसे में राज्य स्तर पर फैसला मान्य नहीं होता है। दलील दी गई है कि पूरे दल का विलय राष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है। सुनवाई में बसपा की ओर से स्पीकर पर आरोप लगाया गया और कहा गया कि स्पीकर जान-बूझकर पूरे मामले को खींच रहे हैं। है कि बसपा के छह विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में पिछले साल सितंबर में अपना विलय कर लिया था। सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद के बीच पिछले दिनों बसपा की ओर से व्हिप जारी किया गया था कि विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। इस पर विधायकों का कहना था कि वो अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत के साथ हैं, बसपा का व्हिप मान्य नहीं होता है।

वहीं, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी ने धोखा देने वाले विधायकों को सबक सिखाने का निर्णय किया है। बसपा ने तय किया है कि स्पीकर के समक्ष भी एक याचिका पेश की गई, जिसमें छह विधायकों की सदस्यता रद करने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बसपा के टिकट पर चुनाव जीते छह विधायकों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इनके निर्वाचन क्षेत्रों में बताया जाएगा कि लालच के कारण इन विधायकों ने बहुजन समाज और पार्टी (बसपा) के साथ धोखा किया है।

ये विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे

बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) कांग्रेस में सितंबर, 2019 में शामिल हुए थे।


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