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MP Political Crisis: 'ट्रबल शूटर' बना राजस्थान; अब गुजरात कांग्रेस की मदद करेंगे अशोक गहलोत

Ashok Gehlot. राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को पार्टी आलाकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 05:29 PM (IST)
MP Political Crisis: 'ट्रबल शूटर' बना राजस्थान; अब गुजरात कांग्रेस की मदद करेंगे अशोक गहलोत
MP Political Crisis: 'ट्रबल शूटर' बना राजस्थान; अब गुजरात कांग्रेस की मदद करेंगे अशोक गहलोत

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Ashok Gehlot. कांग्रेस के लिए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार "ट्रबल शूटर" साबित हो रही हैं। मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात के कांग्रेस विधायक जयपुर लाए गए हैं। कांग्रेस को गुजरात में क्रॉस वोटिंग का खतरा है, इसलिए गुजरात कांग्रेस के विधायकों की यहां बाड़ेबंदी की गई है। राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को पार्टी आलाकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है। इसके कारण ही जिस भी राज्य में सियासी संकट के चलते विधायकों को सुरक्षित रखने की बारी आती है तो राजस्थान में बाड़ेबंदी की जाती है। राजस्थान इस वक्त मध्य प्रदेश और गुजरात कांग्रेस के लिए ट्रबल शूटर की भूमिका में है।

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इससे पहले पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों की जयपुर के ब्यूना विस्टा रिसॉर्ट में बाड़ेबंदी की गई थी। अब मध्य प्रदेश के विधायक दो रिसोर्ट्स में रोके गए हैं। उनके जाने से पहले ही गुजरात कांग्रेस के विधायकों को और लाया जा रहा है। गुजरात में 26 मार्च को राज्यसभा की टार सीटों पर चुनाव होना है। संख्या बल के हिसाब से दो सीटों पर भाजपा और दो पर कांग्रेस सीधी जीत दर्ज करती नजर आ रही है, लेकिन भाजपा ने तीसरे उम्मीदवार नरहरि अमीन को उतारकर मुकाबले को रोचक कर दिया है। अमीन 2012 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे।

गुजरात का चुनावी गणित

गुजरात की विधानसभा सीटों के आधार पर एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत है । कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं और निर्दलीय जिग्नेश मेवानी कांग्रेस के साथ हैं। ऐसे में उनकी संख्या 74 हो गई है और उसकी दो सीटों पर जीत होती नजर आ रही है, लेकिन भाजपा की ओर से तीसरा उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है। यही वजह है कि कांग्रेस अपने विधायकों को राजस्थान में शिफ्ट कर रही है। भाजपा की ओर राज्यसभा के लिए अभय भारद्वाज और रमीवा बेन बारा के साथ तीसरे उम्मीदवार के तौर पर नरहरि अमीन को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के लिए शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी प्रत्याशी बनाए गए हैं। गुजरात की राज्यसभा की जिन चार सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से वर्तमान में तीन सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के पास है।

गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं। इनमें से दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं। इस तरह कुल संख्या 180 है। ऐसे में गुजरात में राज्यसभा की एक सीट पर जीतने को प्रथम वरीयता के लिए 37 वोट चाहिए। गुजरात में मौजूदा समय में भाजपा के पास 103 विधायक हैं, वहीं राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी का एक और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 73 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं। कांग्रेस को अपनी राज्यसभा दो सीटें जीतने के लिए भी 74 विधायकों का वोट चाहिए। वहीं, भाजपा को अपनी तीनों राज्यसभा सीटों जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए। ऐसे में भाजपा को अन्य पार्टियों के पांच विधायकों का वोट हासिल करना है। इसके चलते कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का खतरा नजर आ रहा है।

भाजपा ने ऐसे ही 2017 में भी गुजरात की राज्यसभा की तीन सीटों पर तीन उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के अहमद पटेल की चिंता को बढ़ा दिया था। अहमद पटेल को जीतने के लिए कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के रिसॉर्ट में रखना पड़ा था। इसके बाद भी कई कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। हालांकि काफी मशक्कत के बाद अहमद पटेल जीतने में कामयाब रहे थे।

विधायकों ने जयपुर का भ्रमण किया

शनिवार रात गुजरात से जयपुर आए 14 विधायकों को शिव विलासा होटल में रखा गया है। इनमें चंदनजी ठाकोर, चिराग कालरिया, हिम्मत सिंह पटेल, लखाभई भरवाड, पूनम परमार, जिनी बेन ठाकोर, रित्विक मकाना, चिराग कालरिया, नाथाभाई, बलदेव, इंद्रसिंह ठाकोर, राजेश गोहिल, हर्षद, अजीत सिंह चौहाल व कांति परमार शामिल हैं। रविवार को कुछ विधायक जयपुर भ्रमण पर निकले। इनके साथ राजस्थान विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोश और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी थे। 

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