Rajasthan: अशोक गहलोत बोले, सचिन पायलट और विधायकों की नाराजगी दूर करना मेरा फर्ज
Ashok Gehlot राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री हूं मेरी पार्टी के लोग मुझसे नाराज हैं तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनसे बात करूं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Ashok Gehlot: राजस्थान कांग्रेस में 32 दिन तक चले सियासी संग्राम को आखिरकार अंत हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींची तलवार फिलहाल वापस म्यान में आ गई है। विवाद समाप्त होने के बाद गहलोत और पायलट दोनों ने ही आलाकमान को सर्वोपरी बताते हुए कहा कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। गहलोत ने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री हूं, मेरी पार्टी के लोग मुझसे नाराज हैं तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनसे बात करूं। विधायकों की नाराजगी दूर करना मेरी जिम्मेदारी है। मेरा फर्ज है कि सचिन पायलट और जिन लोगों ने नाराजगी जाहिर की है, उसे दूर करूं। मैं कैसे उनका दिल जीत लूं, मैंने जिम्मेदारी पहले भी निभाई थी और आगे भी निभाऊंगा। आलाकमान व पायलट ने मुझ पर भरोसा किया है।वहीं, सीएम अशोक गहलोत द्वारा खुद को नाकारा व निकम्मा कहे जाने पर पायलट ने कहा कि मैं आहत जरूर हूं, राजनीति में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, लेकिन फिर भी मैं उनका सम्मान करता हूं। आलाकमान के निर्देश पर हम मिलकर काम करेंगे।
विधायकों का अभिभावक बनकर रहूंगाः गहलोत
विवाद खत्म होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में सीएम गहलोत ने कहा कि अब पार्टी में सब ठीक है, कोई भी विधायक उनका साथ छोड़कर नहीं गया है। मैंने विधायकों से कहा कि जब तक जिंदा हूं आपका अभिभावक बनकर रहूंगा। पार्टी में भाईचारा बरकरार है। आलाकमान द्वारा तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो सभी विवादों को सुलझाएगी। भाजपा की ओर से सरकार गिराने की कोशिश की गई, लेकिन हमारे विधायक एक साथ हैं और एक भी व्यक्ति हमें छोड़कर नहीं गया। गहलोत ने कहा कि इनकम टैक्स और सीबीआइ का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, धर्म के नाम पर राजनीति को भड़काया जा रहा है। हमारे विधायकों ने एकता दिखाई तो भाजपा का अहंकार टूट गया। भाजपा नेताओं ने सरकार गिराने के लिए पूरा जोर लगा दिया था, केंद्रीय मंत्री इस काम में जुटे थे। उन्होंने कहा कि अभी समय लोकतंत्र बचाने का है। विधायकों की बाड़ेबंदी पर गहलोत ने कहा कि 100 से अधिक विधायक इतने लंबे समय तक एक साथ रहे और एक भी छोड़कर नहीं गया। विधायकों को मुझ पर और आलाकमान पर विश्वास है।
आत्मसम्मान की बात थीः पायलट
सचिन पायलट ने एक बातचीत में कहा कि मैंने अपने साथी विधायकों के साथ आलाकमान के समक्ष अपनी बात रखी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने हमारी बात सुनी। आलाकमन ने हमारे द्वारा उठाए गए सभी मुद्दो का हल निकालने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया, जिनके कारण मुझे ठेस लगी। मैंने कड़वा घूंट पिया है। सीएम अशोक गहलोत द्वारा उन्हें निकम्मा और नाकारा कहे जाने पर कहा कि मैं अपने बयान से आहत अवश्य हुआ, लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूं। मैंने परिवार से संस्कार सीखे हैं, मैंने कभी किसी के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। पायलट का कहना है कि जिन कार्यकर्ताओं की मेहनत से हम सरकार में आने उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा, लेकिन सरकार से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर मन में वेदना थी जो आलाकमान तक पहुंचाई, मेरा मानना है कि हम लोग उनके प्रति जवाबदेह हैं जिन्होंने हमें वोट दिया।