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लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब की राजनीति में बदलाव के आसार, आप को लग सकता है झटका

लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। आम अादमी पार्टी को बड़ा झटका लगने की संभावना है और विधानसभा में मुख्‍य विपक्षी दल का उसका दर्जा छिन सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 09:33 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 12:49 PM (IST)
लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब की राजनीति में बदलाव के आसार, आप को लग सकता है झटका

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। इसके बाद आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है और पंजाब विधानसभा में उसका मुख्‍य विपक्षी दल का दर्जा छिन सकता है। आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा में अपने हिस्‍से की नेता विपक्ष की कुर्सी हार गई लगती है। अब केवल स्पीकर के फैसले का ही सहारा रह गया है। अगर स्पीकर राणा केपी सिंह अकाली-भाजपा गठबंधन को मंजूरी देते हैं तो आप से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छिन सकती है।

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मानशाहिया ने छोड़ी आप, चुनाव लड़ रहे बलदेव की सदस्यता जानी तय

दो दिनों के भीतर आम आदमी पार्टी को दो तगड़े झटके लगे हैैं। मानसा के विधायक नाजर सिंह मानशाहिया आप छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि जैतो से विधायक मास्टर बलदेव पार्टी से बगावत करके पीडीए से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। पार्टी के सिंबल से बाहर जाकर चुनाव लडऩा दल-बदल कानून के तहत आता है। ऐसे में चुनाव लडऩे वाला नेता पार्टी का सदस्य नहीं माना जाता है।

विधानसभा में आप के बचेंगे 16 विधायक, शिअद-भाजपा के हैं 17

पंजाब विधानसभा में आप विधायकों की संख्या 20 थी। सुखपाल खैहरा को पार्टी ने बर्खास्त कर दिया था। खैहरा ने पंजाबी एकता पार्टी बना ली है। एचएस फूलका पहले ही पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके है। कंवर संधू को आप ने निलंबित किया हुआ है। मानशाहिया के कांग्र्रेस में जाने और बदलेव के चुनाव लडऩे के बाद विधानसभा में आप विधायकों की संख्या 16 रह गई है। विधानसभा में अकाली दल के 14 और भाजपा के तीन विधायक हैं।दोनों पार्टियों का चुनाव पूर्व गठबंधन है। ऐसे में अकाली-भाजपा के विधायकों की संख्या आप से एकादा हो जाती है।

अभी यहां है पेंच

भले ही आप के विधायकों की संख्या 16 रह गई हो, किन सारे अधिकार स्पीकर राणा केपी सिंह के पास सुरक्षित हैं। अगर वह अकाली-भाजपा के गठबंधन को मान्यता नहीं देते हैं तो आप के पास विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित रहेगी अन्यथा अकाली-भाजपा के पास चली जाएगी।

और भी है विकल्प

अकाली दल के पास यह भी विकल्प है कि वह लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले उपचुनाव में अपने प्रत्याशियों को जिताकर अपनी संख्या बढ़ाए। वर्तमान में नौ विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मानशाहिया, खैहरा व फूलका की सीटों क्रमश: मानसा, भुलत्थ व दाखा पर उपचुनाव होना तय है।

अभी कुछ कहना जल्दबाजी : राणा केपी

स्पीकर राणा केपी का कहना है, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभी लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। इसके खत्म होने के बाद ही सारे मामले को देखा जाएगा। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा।


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