मेरठ : अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी प्रमुख का हालचाल जानने पहुंचीं प्रियंका गांधी
अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मिलने प्रियंका गांधी पहुंचीं। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर व पश्चिम यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे।
मेरठ, जेएएन। आनंद हास्पिटल में भर्ती भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मिलने बुधवार शाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंचीं। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और पश्चिम यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। सियासी गलियारे में इस मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
शाम करीब पांच बजे प्रियंका गांधी आनंद अस्पताल पहुंचीं और चंद्रशेखर से मिलकर उनका हालचाल जाना। अस्पताल में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। प्रियंका ने कहा कि चंद्रशेखर का जोश पसंद आया, इसलिए मिलने आई। इनके संघर्ष को जानती हूं। इस मुलाकात को राजनीतिक चश्मे से न देखिए।
इस मुलाकात के बाद प्रियंका भूसा मंडी में कुछ दिन पूर्व हुए बवाल व आगजनी के पीडि़तों से मिलने मछेरान जाएंगी। वहां से बसा टीकरी गांव में शहीद अजय कुमार के घर जाने का भी कार्यक्रम है। इससे पहले प्रियंका गांधी के मेरठ के आनंद अस्पताल पहुंचने की खबर सुनते ही स्थानीय कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं अस्पताल पहुंचने लगे। इस पर उन्हें भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने उन्हें भगा दिया।
मंगलवार को चंद्रशेखर तबीयत उस समय खराब हो गई जब वह सहारनपुर से दिल्ली के लिए बहुजन सुरक्षा अधिकार यात्रा निकाल रहे थे। यात्रा देवबंद पहुंची तभी अनुमति न होने के कारण पुलिस ने उसे रोक दिया और चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज उनके समर्थकों ने हाईवे पर हंगामा शुरू कर दिया। गुस्साई भीड़ की अधिकारियों से जमकर नोकझोंक हुई। हंगामे के बीच अचानक चंद्रशेखर की तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें मेरठ लाया गया और आनंद हास्पिटल में भर्ती कराया गया था।
दलितों को रिझाने की कोशिश
चंद्रशेखर और प्रियंका गांधी की इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने शुरू हो गए हैं। एक दिन पहले ही सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस की इंट्री की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कह दिया था कि गठबंधन भाजपा को परास्त करने की पूरी क्षमता रखता है इसलिए किसी भी राज्य में कांग्रेस से गठबंधन या कोई तालमेल नहीं किया जाएगा। इन परिस्थितियों में कांग्रेस के पास दलितों के बीच पैठ बनाने के लिए चंद्रशेखर उचित माध्यम के रूप में दिख रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस क्या भीम आर्मी को रिझा पाएगी।