पश्चिम बंगाल के बाद अब तमिलनाडु का रूख करेंगे प्रशांत किशोर, संभालेंगे स्टालिन की चुनावी कमान
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अगले साल तमिलनाडु में डीएमके की चुनावी रणनीति की कमान संभालेंगे। वे फिलहाल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ हैं।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लिए चुनावी रणनीति बना रहे हैं। इसके बाद वे तमिलनाडु (Tamil Nadu) में द्रविड मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता एमके स्टालिन (MK Stalin) के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021 (Tamil Nadu Assembly Election 2021) में डीएमके की जीत के लिए जनवरी 2020 के बाद काम में जुट जाएंगे।
प्रशांत किशोर व एमके स्टालिन के बीच हो चुकी बातचीत
बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक रणनीति बनाने में व्यस्त प्रशांत किशोर की कंपनी 'आई'पैक' अब तमिलनाडु में डीएमके सुप्रीमो एमके स्टालिन के पक्ष में काम करने जा रही है। इस बाबत प्रशांत किशोर व एमके स्टालिन के बीच बातचीत हो चुकी है।
डीएमके की तरफ से प्रशांत किशोर की एंट्री बड़ी घटना
तमिलनाडु में जयललिता (Jayalalithaa) और करुणानिधि (Karunandhi) के निधन के बाद साल 2021 में पहला विधानसभा चुनाव 2021 में होने जा रहा है। इस चुनाव में ऑल इंडिया द्रविड मुनेत्र कड़गम (AIDMK) और डीएमके की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। फिल्म स्टार कमल हासन (Kamal Haasan) और रजनीकांत (Rajnikanth) भी चुनाव मैदान में नजर आएंगे। रजनीकांत ने तो अपनी अलग पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कमल हासन की पार्टी एमएनएम भी पीछे नहीं दिख रही। जरूरत पड़ी तो कमल हासन व रजनीकांत हाथ भी मिला सकते हैं। तमिलनाडु की इस कड़ी राजनीतिक लड़ाई में डीएमके की तरफ से प्रशांत किशोर की एंट्री को बड़ी घटना माना जा रहा है।
साल भर पहले से ही तैयार करना चाहते सियासी जमीन
2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए प्रशांत किशोर साल भर पहले से ही एमके स्टालिन के लिए सियासी जमीन तैयार करना चाहते हैं। एम. करुणानिधि और जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की सियासत में कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा। ऐसे में स्टालिन के सामने खुद को बड़ा चेहरा के रूप में स्थापित करने की चुनौती है। गत लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में उनकी पार्टी ने 38 सीटें जीतीं थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव की राह आसान नहीं दिख रही। इसमें स्टालिन को कमल हासन और रजनीकांत से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
लोकसभा चुनाव 2014 के साथ चर्चा में आए प्रशांत किशोर
विदित हो कि प्रशांत किशोर देश में बड़े चुनावी रणनीतिकार के रूप में स्थापित हो चुके हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2014) में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने के बाद वे चर्चा में आए थे। तक एनडीए की भारी जीत के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन इसके बाद बीजेपी से उनके संबंध पहले जैसे नहीं रहे।
बिहार में जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के लिए किया काम
फिर वे जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के संपर्क में आए और बिहार में महागठबंधन (Grand Alliance) की जीत के साथ बीजेपी की हार की पटकथा लिखने में अहम भूमिका अदा की। आगे वे जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए।
आंध्रप्रदेश में लिखी वाइएसआर कांग्रेस की जीत की पटकथा
प्रशांत किशाेर की कंपनी ने दलों व गठबंधनों की सीमाओं से हटकर काम किया है। उनकी टीम ने आंध्रप्रदेश में वाइएसआर कांग्रेस (YSR Congress) के लिए काम करते हुए एन.चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) जैसे सियासी धुरंधर की हार की पटकथा लिखी। वहां वाइएस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagmahan Reddy) मुख्यमंत्री बने। उनकी टीम ने अन्य कई राज्यों में विभिन्न दलों के लिए काम किया है।
फिलहाल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए कर रहे काम
वर्तमान में प्रशांत किशोर की टीम पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए काम कर रही है। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत में प्रशांत किशोर का बड़ा योगदान है। प्रशांत किशोर ने पिछले साल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। हालिया चुनाव में शिवसेना के एनडीए से अलग होकर सरकार बनाने में भी प्रशांत किशोर की भूमिका तलाशी जा रही है।
आगे तमिलनाडु में संभालंगे एमके स्टालिन की जीत की कमान
अब आगे प्रशांत किशोर तमिलनाडु में एमके स्टालिन की जीत के लिए चुनाव प्रबंधन संभालेंगे। बताया जाता है कि वहां चुनाव प्रबंधन के लिए उनसे अन्नाद्रमुक ने भी संपर्क किया था, लेकिन प्रशांत ने द्रमुक को चुना है। फिलहाल तमिलनाडु में प्रशांत किशोर की कंपनी का करार कमल हसन की पार्टी से है, जो जनवरी में समाप्त हो रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर जनवरी के बाद ही वहां सक्रिय होंगे।