गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन पर गरमाई सियासत
Patidar reservation agitation in Gujarat. गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन पर सियासत गरमाने लगी है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में करीब तीन साल तक राजनीतिक उथल-पुथल मचाने वाले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समाप्त होने की घोषणा कर दी गई है। आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल व खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल ने यह एलान किया। वहीं, कुछ पाटीदार नेताओं ने आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। इसके चलते गुजरात में इस आंदोलन को लेकर राजनीति गरमाने लगी है।
राजकोट के सरदार पटेल भवन में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति, खोडलधाम ट्रस्ट व उमियाधाम ट्रस्ट के राज्यभर से आए पदाधिकारियों ने एक बैठक कर पाटीदार समाज की समस्याओं व राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद अल्पेश कथीरिया की जेलमुक्ति पर चर्चा की। बैठक के बाद पाटीदार समाज के अगुवा नरेश पटेल ने कहा कि अब आरक्षण आंदोलन का कोई लक्ष्य नहीं रह गया है, इसलिए आंदोलन के अस्तित्व का भी कोई मतलब नहीं।
आरक्षण आंदोलन के नेता से कांग्रेस नेता बने हार्दिक पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 10 फीसद आरक्षण की घोषणा के बाद आंदोलन करने का कोई अर्थ नहीं है। इसके बाद भी आंदोलन करते रहे तो फिर स्वार्थी कहेंगे। नरेश पटेल ने कहा कि अल्पेश कथीरिया की जेलमुक्ति व पाटीदार समाज के युवाओं के खिलाफ चल रहे आपराधिक केस वापस लेने के लिए एक कमेटी बनेगी, जो सरकार से चर्चा कर इनका समाधान कराएगी।
तो आंदोलन समाप्त नहीं होगा
दो मुख्य पाटीदार नेताओं ने आंदोलन की समाप्ति की घोषणा कर दी, लेकिन आंदोलन से निकलकर कांग्रेस नेता बने विधायक ललित कगथरा व गीता पटेल ने कहा है कि आंदोलन समाप्त नहीं होगा। सवर्णों को 20 फीसद तक आरक्षण दिलाने व पाटीदार समाज पर दमन करने वाले दोषी अधिकारियों को सजा के साथ आपराधिक मुकदमे झेल रहे समाज के युवाओं पर से केस वापसी तक आंदोलन चलता रहेगा।
उधर, सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख लालजी पटेल का भी कहना है कि समाज के युवाओं को जब तक 10 फीसद आरक्षण का लाभ मिल नहीं जाता, आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।