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परिवर्तन कुंभ में विशेषज्ञों की चिंता-राजनीतिज्ञों की प्रयोगशाला बने शिक्षण संस्थान

परिवर्तन कुंभ में रविवार को एकत्र सेनानियों ने समाज शहर-गांव प्रदेश तथा देश में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया। विशेषज्ञों के सामने सबसे बड़ी चिंता का विषय शिक्षण संस्थान हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 03:12 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 03:15 PM (IST)
परिवर्तन कुंभ में विशेषज्ञों की चिंता-राजनीतिज्ञों की प्रयोगशाला बने शिक्षण संस्थान
परिवर्तन कुंभ में विशेषज्ञों की चिंता-राजनीतिज्ञों की प्रयोगशाला बने शिक्षण संस्थान

लखनऊ, जेएनएन। आरएसएस के सहयोगी संगठन एकल अभियान के रमाबाई मैदान में आयोजित परिवर्तन कुंभ में विशेषज्ञों की बड़ी चिंता का विषय शिक्षण संस्थान हैं। श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट के न्यासी गोविंद देव गिरि और साध्वी ऋतंभरा समेत करीब डेढ़ लाख स्वराज सेनानी रविवार को परिवर्तन कुंभ में शामिल थे। तीन दिवसीय इस आयोजन में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 18 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे।

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परिवर्तन कुंभ में रविवार को एकत्र सेनानियों ने समाज, शहर-गांव, प्रदेश तथा देश में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया। विशेषज्ञों के सामने सबसे बड़ी चिंता का विषय शिक्षण संस्थान हैं। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि शिक्षा के नाम पर जो हो रहा है, वो अच्छा नहीं है। शिक्षण संस्थान राजनीति के बड़े अखाड़े बनते जा रहे हैं, देश की युवा पीढ़ी में जाति व धर्म का जहर घोला जा रहा है। भारत में आज कुछ लोग उनके साथ दिख रहे हैं जो भारत के टुकड़े टुकड़े करने को कह रहे हैं। श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट के न्यासी गोविंद देव गिरि ने कहा कि यह देश अब हारेगा नहीं। इस देश के उत्थान की हुंकार इस सम्मेलन में सुनाई पड़ रही है। देश में वेद और गाय नहीं बचेंगे तो कुछ नहीं बचेंगे। उत्तर भारत में 51 वेद संस्थान बनना अच्छा है। उन्होंने कहा कि आज इंतजार खत्म हो गया है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का समय आ गया।

एकल विद्यालय ने अपनी संख्या एक लाख कर दिया। हम हनुमान भक्त है, हम तो सवा लाख से कम नहीं है। हम लोग 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती और पूज्य गुरु जी की जयंती पर हम अपना शुरू करने जा रहे हैं। सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास ही राम राज्य है। हम भिखारी देश नहीं हैं, पढ़े लिखे देश थे। 1818 से पूर्व अंग्रेजों ने सर्वे किया तो तो पाया कि यहाँ शत-प्रतिशत शिक्षा है। शिक्षा को लेकर शहर के लोग विकास करते रहे और गांव रोते रहे। भारत माता रोती रही। बिना बनवासियो के विकास की बात करना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि मनुष्यों के मूल विश्वास को तोडऩा नहीं चाहिए। सबको साथ लेकर ही हम लोगों को आगे बढ़ते रहना चाहिए तब तक यह सारा समाज एक स्तरीय नहीं हो जाता।

गोविंद देव गिरि ने कहा कि आज यहां पर कार्यकर्ता की भीड़ राम जी की सेना के रूप में खड़ी है। गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान जी गुण को सकल गुण निधानम कहते हुए बखान किया है। हम उनकी सेना है। हमें खुद को तराशना होगा। एकल अभियान को और बड़े लक्ष्य की ओर ले जाना होगा। भगवान राम जी के कार्य से बांड की तरह एक दिशा में चलना होगा। हमें हनुमान जी के गुणों को आत्मसात करना चाहिए।

आप सोचना और यह कहना बंद करिए कि हम इतना किये। भारत माता से कहिए मां तेरी पावन पूजा में हम बस इतना कर पाए। राम मंदिर निर्माण का जैसे समय आया है , वैसे ही हमें जागने का समय भी आ गया है। बधाये आती है आती रहेंगी।

आकर्षण के केंद्र बने थारू समाज के लोग

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए थारू समाज के लोगों ने परिवर्तन कुंभ के जरिए समाज में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया। शिक्षा के साथ समाज में पीछे होने का दंश झेल रहा यह समाज अब अन्य वर्गों की तरह शिक्षित होने के साथ ही समय के साथ चलने का संकल्प ले रहा है। सरकार से ध्यान देने की भी गुहार लगाई जा रही है। यह लोग अपनी वेशभूषा के कारण यहां पर आकर्षण का केंद्र बने हैं।  


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