महामारी ने बदली भाजपा संगठन के कामकाज की शैली, जब तक कोरोना तब तक ऑनलाइन बैठकें
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों को बदले हालात में भी सक्रिय रखने के जरूरी निर्देश दिए।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना संक्रमण से पैदा हुईं विषम परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी संगठनात्मक कार्यशैली में बदलाव किया है। बूथ व मंडल से लेकर प्रदेश स्तरीय सभी बैठकें अब ऑनलाइन ही होंगी। सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाने के नियम का सख्ती से पालन करते हुए पार्टी कार्यालयों में अनावश्यक भीड़ जुटाने की मनाही है।
रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने संगठनात्मक गतिविधियों को बदले हालात में भी सक्रिय रखने के जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संक्रमण का खतरा टलने तक कार्यकर्ताओं को सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाकर काम करने की आदत डालनी होगी। इसके लिए निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं को डिजिटल माध्यम से जोड़ने और उनका प्रयोग करने में दक्ष बनाने को प्राथमिकता देनी होगी। यह अभ्यास कार्यकर्ताओं की ऊर्जा को बचाने में उपयोगी सिद्ध होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी नेतृत्व से समय समय पर मिलने वाले निर्देशों और कार्यक्रमों का पालन भी करना होगा। पार्टी कार्यालयों में लॉकडाउन व संक्रमण बचाव के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। ऐसा कोई भी कार्य न हो जिससे संगठन की छवि पर सवाल उठे। प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कहा कि सभी पदाधिकारी बूथस्तरीय कार्यकर्ताओं से नियमित संवाद व संपर्क बनाए रखें। क्षेत्रीय अध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र के जिला व मंडल अध्यक्षों से नियमित संपर्क में रहें।
प्रवासी श्रमिकों की भोजन व्यवस्था करें
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सभी जिलाध्यक्षों को अपने क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने गांवों को वापस लौट रहे श्रमिकों के हित में सरकार भी सभी जरूरी सहयोग कर रही है परंतु कार्यकर्ताओं का नैतिक दायित्व बनता है कि उनके क्षेत्र से गुजरने वाले श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कहा कि सेवा व राहत अभियान शिथिल नहीं हो, इसका ध्यान जिलाध्यक्षों को रखना होगा। कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे मजदूरों के भोजन, पानी व दवाओं आदि जरूरतों की पूर्ति प्रशासन से समन्वय बनाकर की जाए। समपर्ण व सेवा भाव करने के लिए समाज के अन्य संगठनों को भी प्रेरित किया जाए।