ऑक्सफोर्ड यूनियन ने अगले साल की अपनी वैश्विक बहस में ममता को किया आमंत्रित
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पहली भारतीय महिला नेता के रूप में ऑक्सफोर्ड यूनियन ने बहस में बोलने के लिए आमंत्रित किया है
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पहली भारतीय महिला नेता के रूप में ऑक्सफोर्ड यूनियन ने बहस में बोलने के लिए आमंत्रित किया है, यह पहली बार है जब भारत के किसी राज्य की प्रशासनिक प्रमुख को निमंत्रण मिला है। ऑक्सफोर्ड यूनियन को दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख छात्र समाज माना जाता है। ममता ने खुद एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। इससे पहले रोनाल्ड रीगन, जिमी कार्टर, रिचर्ड निक्सन और बिल क्लिंटन सहित अमेरिकी राष्ट्रपतियों जैसे विश्व नेताओं, ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों विंस्टन चर्चिल, मार्गरेट थैचर, डेविड कैमरन और थेरेसा ने ऑक्सफोर्ड यूनियन की बहस में भाग लिया था।
अल्बर्ट आइंस्टीन, माइकल जैक्सन और दलाई लामा जैसे दिग्गजों ने भी बहस में भाग लिया है जो अपने संबोधन वैश्विक प्रभाव डालते रहे हैं। ममता के एक करीब ने कहा कि हां निमंत्रण मिला है और वह इसे लेकर खुश हैं। वह बहस में भाग लेंगी। यह निमंत्रण बुधवार को यूनियन के अध्यक्ष एल वडलामणि की ओर से मिला है। यह पूरे राज्य के लिए एक सम्मान की बात है। यह आयोजन अगले साल होगा। ममता को लिखे पत्र में उनसे 9 जनवरी से 15 मार्च 2021 के बीच अपनी सुविधा के अनुसार समय मांगा गया है। क्योंकि, कोरोना महामारी के चलते यह बहस वर्चुअल हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि ममता हिस्सा लेने को इच्छुक हैं। यह दूसरी बार है जब ब्रिटेन से ऐसा निमंत्रण आया है। इससे पहले ममता बनर्जी को 2010 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा एक व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था जब वह यूपीए-एक में रेल मंत्री थीं, लेकिन तब उन्होंने आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। ममता के पास अपनी सरकार बचाने के लिए 2021 में कड़ी चुनौती है, क्योंकि बंगाल में विधानसभा का चुनाव होना है। यह ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेट भले ही राज्य के चुनावों पर कोई सीधा प्रभाव नहीं डालता है, लेकिन 2024 के आम चुनाव के लिए रास्ता बना सकता है। ममता संशोधित नागरिकता कानून का मुखर आलोचकों में से एक रही हैं, भारतीय नागरिकता कानून में संशोधन पर पूरे विश्व में बात हुई है।