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21 जुलाई को नहीं होगी तृणमूल की शहीद दिवस रैली, ममता बोलीं- सभी विधायकों को चुनाव जीतना ही होगा

हर साल कोलकाता में 21 जुलाई को होने वाली तृणमूल कांग्रेस की ऐतिहासिक शहीद दिवस रैली इस बार कोरोना संकट के चलते नहीं आयोजित होगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 10:10 PM (IST)
21 जुलाई को नहीं होगी तृणमूल की शहीद दिवस रैली, ममता बोलीं- सभी विधायकों को चुनाव जीतना ही होगा
21 जुलाई को नहीं होगी तृणमूल की शहीद दिवस रैली, ममता बोलीं- सभी विधायकों को चुनाव जीतना ही होगा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : हर साल कोलकाता में 21 जुलाई को होने वाली तृणमूल कांग्रेस की ऐतिहासिक शहीद दिवस रैली इस बार कोरोना संकट के चलते नहीं आयोजित होगी। शुक्रवार को बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने सभी सांसदों, विधायकों, जिला अध्यक्षों व पर्यवेक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चूंकि कोरोना के चलते कोई बड़ा कार्यक्रम व भीड़ के इकट्ठा होने पर पाबंदी है इसलिए इस बार शहीद दिवस रैली नहीं होगी। हालांकि इसके बदले उन्होंने इस बार राज्य के सभी बूथों पर 21 जुलाई को दोपहर 1 से 2 के बीच शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने को कहा।

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हर बूथ पर 20 से 25 लोग इकट्ठा होंगे। वहीं इस दिन दोपहर 2 बजे से ममता अपने कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। ममता ने यह भी कहा कि हर साल शहीद दिवस पर सीईएससी मुख्यालय विक्टोरिया हाउस के सामने जिस प्रकार शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है पार्टी के वरिष्ठ नेता जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस बार सिर्फ सभा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी बूथों पर तीन- तीन लोगों को दायित्व दिया गया है और विधायकों के साथ कोऑर्डिनेट कर इस दिन  कार्यक्रम होगा।

दरअसल, हर साल इस रैली में ममता लाखों की भीड़ जुटाकर अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए वार्षिक एजेंडा तय करने के साथ विरोधी दलों को जवाब देती रही है। इसके अलावा ममता ने बैठक में कहा कि आगामी 6 से 13 जुलाई के बीच केंद्र सरकार की विभिन्न जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राज्य भर में तृणमूल सड़क पर उतरकर अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सड़क पर उतर कर राज्य सरकार के खिलाफ लगातार प्रचार कर रहे हैं और लोगों को गलत समझा रहे हैं।

उन्होंने सभी पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग भी जनता के बीच जाकर केंद्र की विफलता के बारे में बताएं। उन्होंने सभी से इसको सफल बनाने को कहा। ममता ने कहा कि रेलवे का निजीकरण, पेट्रोल- डीजल के दामों में वृद्धि, कोयला क्षेत्र में एक सौ फीसद एफडीआइ आदि का विरोध किया जाएगा। इसके साथ ही ममता ने बैठक में पार्टी नेताओं से कहा कि अगले साल विधानसभा चुनाव में सभी विधायकों को जीतना ही होगा। उन्होंने अभी से ही इसकी तैयारी करने का निर्देश दिया। 

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं : ममता 

पार्टी नेताओं के साथ बैठक में ममता ने भ्रष्टाचार को लेकर लगातार आ रही शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए कड़ा संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्फन तूफान से जो लोग प्रभावित हुए हैं और उनके बदले जो लोग राहत में भ्रष्टाचार कर रहे हैं उन लोगों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे ग्राम प्रधान हो या पंचायत समिति का अध्यक्ष, भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

ऐसे लोगों को बचाने की कोई कोशिश ना करें। ममता ने भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने साथ ही कहा कि हमारे पार्टी कार्यकर्ता हमारी संपत्ति हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि हम भ्रष्टाचार करके दल को बदनाम करेंगे ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आवश्यक होगा तो हम नया नेता बना लेंगे लेकिन भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।


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