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पुराने कांग्रेसियों के निशाने पर पार्टी हाईकमान का रवैया, उत्तर प्रदेश से लिखा गया एक और तीखा पत्र...

कांग्रेस संगठन में सुधार का सुझाव देने पर निष्कासित किए गए उत्तर प्रदेश के दस वरिष्ठ कांग्रेसजन में से एक एसपी गोस्वामी ने हाईकमान को तीखा पत्र लिखा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 09:30 AM (IST)
पुराने कांग्रेसियों के निशाने पर पार्टी हाईकमान का रवैया, उत्तर प्रदेश से लिखा गया एक और तीखा पत्र...
पुराने कांग्रेसियों के निशाने पर पार्टी हाईकमान का रवैया, उत्तर प्रदेश से लिखा गया एक और तीखा पत्र...

लखनऊ, जेएनएन। अभी कांग्रेस में अपना भविष्य तलाश रहे छोटे-बड़े कार्यकर्ता भले ही चुप्पी मारे बैठे हों, लेकिन पार्टी की सेवा में जीवन खपा चुके वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने मौजूदा हालात पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। 23 वरिष्ठ नेताओं की तरह ही संगठन में सुधार का सुझाव देने पर निष्कासित किए गए उत्तर प्रदेश के दस वरिष्ठ कांग्रेसजन में से एक एसपी गोस्वामी ने हाईकमान को तीखा पत्र लिखा है। उन्होंने दो टूक कहा है कि एक परिवार की बढ़ती तानाशाही प्रवृत्ति कांग्रेस के लिए खतरनाक है।

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पिछले दिनों पार्टी में संगठन के चुनाव कराने, पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग आदि को लेकर 23 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा। उसके बाद वे वरिष्ठजन के निशाने पर आ गए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री ने पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए सोशल मीडिया पर तीखी पोस्ट लिखी। उस पर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक चुप्पी साधे है।

वहीं, पिछले वर्ष नवंबर में पार्टी से निष्कासित किए गए उत्तर प्रदेश के दस वरिष्ठ कांग्रेसी इस पर खुलकर बोलने को तैयार हैं। एनएसयूआइ और युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी ने वर्तमान परिस्थितियों को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि गुलाम नबी, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी जैसे वरिष्ठ व अनुभवी नेताओं ने जो बात उठाई, वह कटु सत्य है। ज्यादा बड़बोलेपन वाले नेता ऐसा बयान दे रहे हैं, जहां फूट न पड़ी हो, वहां पड़ जाए।

स्वयं प्रकाश गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि निहित स्वार्थ को लेकर निर्मल खत्री जैसे वरिष्ठ नेता सीधे-सीधे गुलाम नबी आजाद पर टिप्पणी कर रहे हैं। जब यूपी में वरिष्ठ कांग्रेसियों को बिना कारण ही निकाला जा रहा था, तब खत्री क्यों नहीं बोले। तब क्या कांग्रेस कमजोर नहीं हुई। गोस्वामी ने लिखा है कि एक ही परिवार के तीन लोगों द्वारा पार्टी के संसाधनों का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। 'कांग्रेस फॉर द पीपल यानी कांग्रेस आम जनता के लिए है' के रास्ते से पार्टी हट चुकी है, जो लाखों कार्यकर्ताओं के लिए खतरनाक है।


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