इंसेफेलाइटिस पर ये अजब बयान: BJP सांसद ने '4जी' को ठहराया जिम्मेदार, JDU सांसद को बारिश का इंतजार
बिहार में एईएस के कहर के बीच बेतुके सियासी बयानों का भी सिलसिला चल पड़ा है। इस खबर में आइए डालते हैं ऐसे ही कुछ बयानों पर।
पटना [जेएनएन]। बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत जारी है। उधर, बिहार में इसे लेकर बेतुके व आपत्तिजनक बयानों का सिलसिला भी चल पड़ा है। मुजफ्फरपुर के भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद अजय निषाद ने अपने विवादित बयान में एईएस के लिए '4जी' को जिम्मेदार बताया है। चौंकिए नहीं, इस 4जी का दूरसंचार से कोई नाता नहीं। उधर, जनता दल यूनाइटेड (JDU) सासंद दिनेश चंद्र यादव मौत का सिलसिला रोकने के लिए बारिश का इंतजार करते दिख रहे हैं।
बीजेपी सांसद बोले: इसके लिए 4जी जिम्मेदार
मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने बेतुका बयान देते हुए बुखार के लिए 4जी को जिम्मेदार ठहराया है। उनका मानना है कि हमें 4जी पर काम करने की जरूरत है। इसका पहला 'जी' है गांव तो दूसरा है गर्मी। अजय निषाद गरीबी को तीसरा 'जी' बताते हैं। उनका अंतिम 'जी' गंदगी है। उनके अनुसार इन 4जी का कहीं न कहीं बीमारी से रिश्ता है। अधिकांश मरीज गरीब तबके या अनुसूचित जाति-जनजाति के हैं, जिनकी जीवनशैली निम्न स्तर की है।
जेडीयू सांसद को है बारिश का इंतजार
उधर, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा है कि सालों से जब भी गर्मी का मौसम आता है, बच्चे बीमार पड़ते हैं और मौत होती है। सरकार भी तैयारी करती है। अब जैसे ही बारिश होगी, यह सिलसिला थम जाएगा।
सांसद दिनेश चंद्र यादव ने बीते दिनों एईएस को ले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की बैठक के दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा भारत-पाक क्रिकेट मैच का स्कोर पूछने पर हो रही आलोचना पर भी अपनी बात रखी। बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान लोगों के दिलों में राष्ट्रवाद की भावना होती है। मंत्री चाहते थे कि भारत जीते।
एंबुलेंस से इलाज तक सब फ्री
विदित हो कि इस साल बिहार में एईएस से अभी तक 141 बच्चों की मौत हो चुकी है। बीमारी से बचाव व इलाज से नाराज लोगों में गुस्सा है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर दौरे के दौरान विरोध-प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। इस बीच राज्य सरकार ने एईएस के इलाज के लिए निजी एंबुलेंस से लेकर निजी अस्पतालों तक में इलाज फ्री कर दिया है। मरीज को अस्पतालों आने के लिए कोई खर्च नहीं उठाना पड़ रहा। अस्पताल आने पर 400 रुपये दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार को देंगे हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप