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New Year 2020 : भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे वर्ष एक्शन में रहे सीएम योगी, करीब 700 भ्रष्ट अफसरों पर हुई कार्रवाई

New Year 2020 नए वर्ष के साथ नए संकल्प व चुनौतियां अपनी जगह हैं लेकिन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश देने के लिए योगी सरकार पूरे वर्ष चाबुक हाथ में लिए ही रही।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 10:00 AM (IST)
New Year 2020 : भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे वर्ष एक्शन में रहे सीएम योगी, करीब 700 भ्रष्ट अफसरों पर हुई कार्रवाई

लखनऊ, जेएनएन। वर्ष 2019 का कैलेंडर जब-जब पलटा जाएगा, उसमें बड़े फैसलों और उपलब्धियों के लिए यूपी जरूर चर्चाओं में आएगा। नए वर्ष के साथ नए संकल्प और चुनौतियां अपनी जगह हैं, लेकिन सूबे में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश देने के लिए योगी सरकार चाबुक हाथ में लिए ही रही। अब तक करीब सात सौ भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

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उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संदेश दे दिया था कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। सख्ती शुरू से ही रही, लेकिन वर्ष 2019 में कार्रवाई की रफ्तार काफी तेज रही। कुल आंकड़ा देखें तो दो वर्षों में सरकार ने अलग-अलग विभागों के दो सौ से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी। पांच सौ से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबित और पदावनत करने जैसे दंड दिए गए। इसमें ऊर्जा विभाग के 169, गृह विभाग के 51, परिवहन विभाग के 37, राजस्व विभाग के 36, बेसिक शिक्षा के 26, पंचायतीराज के 25, लोक निर्माण विभाग के 18, श्रम विभाग के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, वाणिज्य कर के 16, मनोरंजन कर विभाग के 16, ग्राम्य विकास के 15 और वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

प्रयागराज कुंभ ने रचा इतिहास

इस वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज में आयोजित कुंभ को सरकार अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानती है। शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा पूजन से किया। यूनेस्को ने कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। सरकार का दावा है कि देश-दुनिया के 25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने संगम में डुबकी लगाई। 72 देशों के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र संघ के 187 देशों के प्रतिनिधि कुंभ में आए। मुगलकालीन किले में 500 वर्षों से बंद अक्षयवट और सरस्वती कूप को दर्शनों के लिए खोला गया।

उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने का बड़ा फैसला

यह पहली बार है, जब किसी प्रदेश सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अऩुसार संपत्ति जब्त करने का कठोर कदम उठाया। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदेश में हुई हिंसा में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के द्वारा उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का हर्जाना वसूला जा रहा है।

ये भी यादगार

प्रवासी भारतीय सम्मेलन : काशी में पहली बार 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। 21 से 23 जनवरी 2019 तक हुए इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के करीब सात हजार प्रवासी भारतीय शामिल हुए।

द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी : लखनऊ में फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश इनवेस्टर्स समिट हुई, जिसमें 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश संबंधी करार हुए थे। इस वर्ष जुलाई में सरकार ने दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की। इसमें 60 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।

श्रीरामजन्म भूमि पर फैसला : श्रीरामजन्म भूमि पर फैसला सुप्रीम कोर्ट का आया, लेकिन वह हालात सरकार के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण थे। अप्रिय घटनाओं की आशंकाएं थीं लेकिन, सरकार पूरी तरह सतर्क रही। यह उपलब्धि से कम नहीं कि इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भी प्रदेश में एक भी ऐसी घटना नहीं हुई।

चिकित्सा विवि की स्थापना : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का काम शुरू हुआ। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकभवन परिसर में अटल प्रतिमा के अनावरण के साथ ही विवि का शिलान्यास भी किया।

तीन नई चीनी मिल खुलीं : वर्ष 2019 में रमाला, पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिलों के विस्तारीकरण के साथ उनकी पेराई क्षमता में वृद्धि की गई। सरकार का दावा है कि गन्ना किसानों को 77 हजार करोड़ रुपये से अधिक भुगतान किया गया है। 36,000 करोड़ से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का ऋण मोचन किया गया।

विशेष सत्र का रिकॉर्ड : इस वर्ष सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र का भी रिकॉर्ड बनाया। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के मौके पर दो अक्टूबर को विधानमंडल का 36 घंटे का विशेष सत्र आयोजित किया। इसके बाद संविधान दिवस और फिर वर्ष के आखिरी दिन 31 दिसंबर को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया।

सरकार को चौबीस पुरस्कार : उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से इस वर्ष कुल 24 पुरस्कार प्राप्त हुए। इसमें सबसे ज्यादा 19 पुरस्कार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिए। यह मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास आदि के लिए थे।


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