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Coronavirus : मदद के लिए नेपाल की गोरखा महिलाओं ने बढ़ाए हाथ Gorakhpur News

Coronavirus भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण बार्डर पर रोके गए नेपाली लोगों की मदद के लिए नेपाल की गोरखा महिलाएं आगे आई हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 08:49 AM (IST)
Coronavirus : मदद के लिए नेपाल की गोरखा महिलाओं ने बढ़ाए हाथ Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण बार्डर पर रोके गए नेपाली लोगों की मदद के लिए नेपाल की गोरखा महिलाएं आगे आई हैं। यह महिलाएं नेपाल सीमा पर बने क्‍वारंटाइन सेंटर में लोगों की मदद कर रही हैं।

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नौतनवा व सोनौली में बनाए गए हैं क्वारंटाइन सेंटर

महराजगंज के नौतनवा व सोनौली में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में 306 नेपाली नागरिकों में 10 महिलाएं को जनजातीय आश्रम पद्धति विद्यालय में सुरक्षित रखा गया है। जहां रविवार को गोरखा समाज की महिलाएं पहुंच गईं । उन्होंने उनकी कुशलता व आवश्यकता की जानकारी प्राप्त किया। मंगलवार शाम जब नेपाली नागरिकों को अपने ही वतन में प्रवेश नहीं मिला तो नौतनवा इंटर कालेज, मार्डन एकेडमी व जनजातीय आश्रम पद्धति विद्यालय में स्थान सुनिश्चित कराया गया। जिसमें 10 महिलाओं को अलग क्वारंटाइन सेंटर पर रहने, खाने, पीने की व्यवस्था कराई गई। नेपाली महिलाओं की आपबीती गोरखा समाज की महिलाओं ने मिलकर सुनी और उनकी आवश्यक वस्तुओं का उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया। इसी दौरान सैनिक ग्राम भैया फरेंदा, जेहरी, ठूठीबारी गोरखा समाज के लोगों ने भूतपूर्व सैनिक मनोज राना को 306 नेपाली नागरिकों के लिए खाद्यान्न सामाग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान सुनीता राना, सुमन राना, हवलदार अनिल राना, हवलदार अजय राना आदि मौजूद रहे।

क्वारंटाइन किए गए परदेसी मांग रहे मनपसंद भोजन

बाहर से आए लोगों को महराजगंज में क्वारंटाइन किए जाने के बाद से ही उनके भोजन को लेकर किचकिच चल रही है। परदेसियों को कुछ स्थानों पर भोजन मिल रहा है, तो कुछ स्थानों पर नहीं। और तो और जहां मिल रहा है, तो वहां भी इन परदेसियों की फरमाइश के कारण मुश्किल बढ़ गई है। जिले के 770 स्कूलों, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन आदि स्थानों पर 9251 बाहर से लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। लेकिन भोजन को लेकर कुछ स्थानों पर प्रधान और सेक्रेट्री में सामंजस्य के अभाव में दिक्कत पैदा हो रही है। धनेवा क्षेत्र के एक स्कूल में क्वारंटाइन किए गए युवक जहां अंडा की मांग कर रहे हैं, तो मिठौरा क्षेत्र के एक विद्यालय में लोग प्रत्येक दिन हरी सब्जी और अरहर की दाल मांग रहे हैं। घुघली क्षेत्र में भी यही स्थिति बनी हुई है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर बल्डीहा में 18, सामुदायिक भवन अमोड़ा में 9 लोग हैं लेकिन खाना नहीं बन रहा है। परतावल ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय रामपुर चकिया में चार तथा पिपरालाला में दो लोग हैं, उन्हें भी भोजन नहीं मिल रहा है। पनियरा के प्राथमिक विद्यालय बभनौली में चार लोग हैं, उन्हें घर से भोजन मंगाना पड़ रहा है। नौतनवा में भोजन तो मिल रहा है, लेकिन अरहर की दाल की जगह अधिकांश जगह मटर की दाल मिल रही है।

उधार राशन देने से कतार रहे दुकानदार

किराना दुकानदार उधार में राशन देने से कतरा रहे हैं। लॉकडाउन में उनका व्यापार प्रभावित हो गया है। अधिकतर घरों में आर्थिक तंगी आ गई है। तो दुकानदारों की पूंजी भी टूट गई है। इससे वह गंवई राजनीति के चक्कर  में फंसकर उधार किराना का सामान नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण दिक्कत और बढ़ गई है। ऐसे में सचिव और प्रधानों को नकद भुगतान कर सामान खरीदना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने कहा

आश्रय स्थल और भोजन पानी की व्यवस्था के लिए सात नगर निकायों को 33 लाख तथा जिला पंचायत राज विभाग को 30 लाख रुपये भेजे गए है। संबंधित विभागों को क्वारंटाइन किए गए लोगों का विशेष ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है। इसमें लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - डा. उज्ज्वल कुमार, जिलाधिकारी।

क्वारंटाइन किए गए लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। धन की कमी नहीं है। सेक्रेट्री द्वारा बिल बाउचर उपलब्ध कराया जाएगा, तो तत्काल उसका सत्यापन कराने के बाद धनराशि का भुगतान कर दिया जाएगा। - कृष्ण बहादुर वर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी।


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