अपनी ही खाली की गई सीट पर नीरज शेखर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित, प्राप्त किया प्रमाण पत्र
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीरज शेखर सोमवार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए। आज विधानभवन में उन्होंने अपने निर्वाचन का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
लखनऊ, जेएनएन। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने अपनी ही खाली की गई सीट पर निर्विरोध राज्यसभा सदस्य होने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीरज शेखर सोमवार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए। आज विधानभवन में उन्होंने अपने निर्वाचन का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नीरज शेखर एक माह चार दिन के भीतर फिर से राज्यसभा पहुंच गए। अब वह 25 नवंबर 2020 तक राज्यसभा सदस्य बने रहेंगे।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर बलिया से लंबे समय तक लोकसभा सदस्य रहे। इसके बाद वह बिना केंद्रीय मंत्री बने प्रधानमंत्री बने। पुत्र नीरज शेखर उनके निधन के बाद ही राजनीति में सक्रिय हुए। 2007 में पिता के निधन के बाद लोकसभा उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर करीब पौने तीन लाख वोट से जीतकर सांसद बने। दो वर्ष बाद 15वीं लोकसभा में पहुंचे। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने इनको राज्यसभा सदस्य बनाया।
राज्यसभा की इकलौती सीट के लिए चुनाव अधिकारी एवं विशेष सचिव बृजभूषण दुबे बताया कि सोमवार को नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद नीरज शेखर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके बाद मंगलवार को उनको प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। राज्य में राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार नीरज शेखर का निर्विरोध निर्वाचन पहले ही तय हो गया था क्योंकि उनके अलावा किसी और ने नामांकन नहीं किया था।
शुक्रवार को नामांकन पत्र की जांच की प्रक्रिया पूरी हो गई थी और सोमवार को नाम वापसी की अंतिम समयसीमा थी। यह समयसीमा समाप्त होने के बाद शेखर के नाम की औपचारिक घोषणा कर दी गई। समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने पिछले दिनों राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने नीरज शेखर को ही इस चुनाव उम्मीदवार बनाया। उन्होंने 14 अगस्त को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
सपा छोडऩे के साथ ही नीरज ने 15 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर कराए गए उपचुनाव में 14 अगस्त को नीरज ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। किसी अन्य प्रत्याशी द्वारा नामांकन न कराए जाने के कारण नीरज अकेले उम्मीदवार मैदान में थे। सोमवार को अपराह्न तीन बजे नाम वापसी की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।