JDU के स्टैंड से छंटी सियासी धुंध, PK व पवन की बर्खास्तगी से NDA को मिलेगी मजबूती
जदयू ने बडा कदम उठाते हुए अपने दो बागी नेताओ को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। दोनों की बर्खास्तगी से सियासी महकमे में कहा जा रहा है कि इससे बिहार में एनडीए को मजबूती मिलेगी।
पटना [अरविंद शर्मा]। जदयू आलाकमान के ताजा स्टैंड से बिहार में पिछले करीब दो महीने से छाई सियासी धुंध लगभग छंट गई है। प्रशांत किशोर (पीके) और पवन वर्मा की जदयू से बर्खास्तगी से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग को तीन स्तरों पर बढ़त मिल सकती है। घटक दलों की एकजुटता में शीर्ष स्तर पर मजबूती आएगी।
जदयू के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का उलझन खत्म होगा और विरोधी दलों के हौसले पस्त होंगे।
नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रशांत किशोर एवं पवन वर्मा के बयानों से बिहार में राजग के घटक दलों के संबंधों में जड़ता आ रही थी।
जदयू, भाजपा एवं लोजपा के दूसरे-तीसरे दर्जे के नेताओं में अज्ञात भय था। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि आगे क्या होने वाला है। प्रवक्ता भी कुछ बोलने से कतरा रहे थे। कार्यकर्ता असमंजस में थे। संदेश जा रहा था कि भाजपा-जदयू में तालमेल ठीक नहीं है। तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं। बड़े नेता भी असहज हो रहे थे।
इस दौरान आलाकमान की चुप्पी से रहस्य गहराता जा रहा था। किंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सख्त तेवर और दो-टूक बयान से बहुत कुछ मंगलवार को साफ हो गया। उन्होंने पीके और पवन वर्मा को जदयू से बाहर जाने वाले रास्ते का संकेत करके दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को आपसी रिश्ते की गहराई बता-समझा दी।
दुविधा से निकले जदयू कार्यकर्ता
बिहार से बाहर जदयू का भाजपा के साथ पहली बार चुनावी तालमेल हुआ है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों ने गठबंधन किया है। किंतु पीके जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होते हुए भी आम आदमी पार्टी (आप) के लिए काम कर रहे हैं। पवन वर्मा ने दिल्ली में भाजपा के साथ गठबंधन के विरोध में नीतीश को पत्र लिखा था। दोनों भाजपा एवं केंद्र पर हमलावर भी रहे। उनके बयानों से माना जा रहा था कि जदयू दिल्ली में आप के साथ खड़ा है। जदयू ने इसे समझा और वक्त रहते कार्यकर्ताओं को दुविधा से निकाला।
मानव शृंखला के चलते चुप थे नीतीश
केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में पीके और पवन वर्मा के लगातार बयानों के बावजूद अगर जदयू ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की या सफाई नहीं दी तो उसकी वजह थी कि नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली-अभियान में व्यस्त थे। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा भी था कि उनका पूरा ध्यान मानव शृंखला पर है।