Crime against women: प्रदर्शनकारियों का आरोप पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
बृहस्पतिवार को स्वाति जयहिंद का प्रदर्शन 10वें दिन में प्रवेश कर गया है। देशभर से महिलाएं रोज स्वाति के समर्थन में राजघाट पहुंच रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का अनशन राजघाट के पास समता स्थल पर 10वें दिन मंगलवार को भी जारी है। अनशन शुरू करने से अब तक स्वाति का 5 किलो से अधिक वजन कम हो चुका है। इस बीच महिलाओं ने स्वाति जयहिंद के समर्थन में चूड़िया लेकर राजघाट से संसद तक मार्च करना शुरू कर दिया है।
वहीं, फिरोज शाह कोटला के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकार मार्च को बीच में रोका तो महिलाओं ने दिल्ली पुलिस पर चूड़ियां फेंकना शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बेरहमी से पीटा
यहां पर बता दें कि बृहस्पतिवार को स्वाति जयहिंद का प्रदर्शन 10वें दिन में प्रवेश कर गया है। देशभर से महिलाएं रोज स्वाति के समर्थन में राजघाट पहुंच रही हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है।
इधर, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा के शून्यकाल में स्वाति की मांगों को उठाने के लिए नोटिस दिया। नोटिस में उन्होंने लिखा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहंिदू आठ दिन से आमरण अनशन पर बैठी हैं और दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की मांग कर रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी समता स्थल पहुंचकर स्वाति के अनशन को समर्थन दिया। लोकसभा सांसद प्रतिमा मोंडल और शांता छेत्री ने स्वाति से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि वे संसद में स्वाति की मांगों पर अपना पक्ष रखेंगी। उन्होंने कहा कि यह न राजनीतिक मुद्दा है और न ही यह कोई राजनीतिक मंच है, सभी पार्टी के नेताओं को इस मुद्दे पर बात करने की जरूरत है।
मंच पर स्वाति से मिलने दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्वाति देशभर की महिलाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज आठ दिन बाद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। स्वाति की मांगें निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि देश की सभी महिलाओं की सुरक्षा के लिए हैं। वहीं, ऑल बार एसोसिएशन कोऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष महाबीर शर्मा ने भी अनशन का समर्थन किया।
ये हैं उनकी प्रमुख मांगें
- निर्भया के कातिलों को तुरंत फांसी दी जाए।
- दुष्कर्म के दोषियों को हर हाल में छह महीने के अंदर फांसी का प्रावधान हो।
- देश में अतिरिक्त फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं।
- पुलिस संसाधन बढ़ाए जाएं एवं उनकी जवाबदेही तय की जाए।
- हजारों करोड़ रुपये निर्भया फंड केंद्र सरकार के पास सालों से इकट्ठा हो रहा है, उसे भी केंद्र बांटे।