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उन्मादी हिंसा को लेकर पीएम को खत लिखने वालों के खिलाफ VHP ने खोला मोर्चा

विहिप ने कहा है कि वह मशहूर हस्तियों के चुनिंदा विरोध के खिलाफ आठ से 10 राज्यों में कार्यक्रम आयोजित करेगी और वहां के लोगों के बीच इन मशहूर लोगों के चेहरों को बेनकाब करेगी।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 12:54 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 12:54 PM (IST)
उन्मादी हिंसा को लेकर पीएम को खत लिखने वालों के खिलाफ VHP ने खोला मोर्चा
उन्मादी हिंसा को लेकर पीएम को खत लिखने वालों के खिलाफ VHP ने खोला मोर्चा

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। मशहूर हस्तियों द्वारा उन्मादी हिंसा के नाम पर फैलाए जा रहे झूठ को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बेनकाब करने का फैसला किया है। विहिप के मुताबिक कुछ मशहूर लोग देश के किसी भी भाग में घटित उन्मादी हिंसा की घटनाओं के लिए एक धर्म विशेष के लोगों को जिम्मेदार ठहराते हैं। दो दिन पहले ही फिल्म व कला जगत समेत अन्य क्षेत्रों की 49 मशहूर हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

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इस बीच, विहिप ने कहा है कि वह मशहूर हस्तियों के चुनिंदा विरोध के खिलाफ आठ से 10 राज्यों में कार्यक्रम आयोजित करेगी और वहां के लोगों के बीच इन मशहूर लोगों के चेहरों को बेनकाब करेगी। यह अभियान विहिप की संस्था सांस्कृतिक गौरव संस्थान द्वारा चलाया जाएगा। इसके राष्ट्रीय महामंत्री एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस साजिश के खिलाफ राज्यों के प्रमुख शहरों में गोष्ठियां आयोजित कराई जाएंगी, जिसमें वहां के प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।

दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मालवीय स्मृति संस्थान में आयोजित इसी तरह के एक कार्यक्रम में विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राज्यों में इन कथित घटनाओं में हिंदुत्व से जुड़े संगठनों का नाम गलत तरीके से जोड़कर बदनाम करने की कोशिश की जाती है, जबकि पुलिस की जांच में ऐसा सामने नहीं आता है। यह उन राज्यों में खासतौर पर होता है जहां, भाजपा के विरोधी दलों की सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि असल में यह हम सबको और भारत को बदनाम करने की साजिश है, सलिए यह जरूरी है कि इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि ये खान मार्केट गैंग के लोग हैं, जो झूठ के सहारे देश में हिंसा की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) ने जब वर्ष 2017 से ही धार्मिक आधार पर आंकड़ों में धर्म का इस्तेमाल बंद कर किया गया, तो फिर यह इस वर्ष तक के एक धर्म के प्रति हिंसा की घटनाओं के आंकड़े कहां से लेकर आ गए? निश्चित ही यह भ्रम फैलाकर एक-दूसरे को लड़ाने की कोशिश है।

विहिप के अखिल भारतीय प्रचार प्रसार प्रमुख विजय शंकर तिवारी ने कहा कि जिन 49 लोगों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर कथित लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताई है। उनमें से 25 बंगाल के हैं, लेकिन उसी बंगाल में हिंदुओं को सबसे ज्यादा उन्मादी हिंसा का शिकार बनना पड़ा है। यह लोग जय श्री राम का उद्घोष पर जेल भेजे जाने पर भी चुप हैं।

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