CM अरविंद केजरीवाल ने क्यों नहीं लिया कोई भी मंत्रालय, पढ़िए- पूरी स्टोरी
माना जा रहा है कि वर्ष 2022 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अभी से ही मन बना चुके हैं।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली विधानसभा में जबर्दस्त जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिल्ली के बाहर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर गंभीर है। दिल्ली जैसी धमक अब दूसरे राज्यों में भी दिखाने को लेकर आप रणनीति बनाने में लग गई है। मुख्यमंत्री के दिल्ली सरकार में कोई विभाग न लेने को भी इसी रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि वर्ष 2022 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अभी से ही मन बना चुके हैं। गत विधानसभा चुनाव में पंजाब में सरकार बनाने की कोशिश में लगी आप को 20 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। इस बार दिल्ली में आप को जबर्दस्त जीत मिली है। इससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है।
16 फरवरी को शपथ ग्रहण के दौरान अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पार्टी को राष्ट्रीय फलक पर ले जाएंगे। देशभर में होने वाले हर चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे। माना जा रहा है कि अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही केजरीवाल ने इस बार किसी भी विभाग की जिम्मेदारी से खुद को मुक्त रखा है।
दिल्ली में स्थिर सरकार है। सरकार में सभी अनुभवी और पुराने मंत्री हैं। सभी के पास दिल्ली के विकास का लक्ष्य है। ऐसे में केजरीवाल का इरादा स्पष्ट है कि वह अपना पूरा ध्यान पार्टी के विस्तार पर लगाएं। देशभर में अब निकाय चुनाव भी आम आदमी पार्टी लड़ेगी। इसी संदर्भ में केजरीवाल देशभर से लोगों से आप में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
वहीं, दिल्ली में 2022 में होने वाले निगम चुनाव भी आप पूरी ताकत के साथ लड़ने का मन बना चुकी है। विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीतने के बाद उत्साहित अरविंद केजरीवाल को पूरा विश्वास है कि दिल्लीवालों ने जिस तरह विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना मजबूत समर्थन दिया है। यह समर्थन निगम चुनाव में भी बरकरार रहेगा ।